लखनऊ: इजरायल और आतंकी संगठन हमास में जारी जंग के बीच अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता यासर शाह का विवादित बयान सामने आया है। सपा नेता ने फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए विवादित बयान दिया है। यासर शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया है कि, ''पिछले 10 साल में 350,000 लोग मारे हैं इज़राइल ने जिसमें 35,000 बच्चे थे। इसके बाद भी भक्त अगर फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्यों की वहाँ मुसलमान हैं। तो हम भी फ़िलिस्तीन के साथ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्योंकि वहाँ मुसलमान हैं। उखाड़ लो।''
पिछले 10 साल में 350,000 लोग मारे हैं इज़राइल ने जिसमें 35,000 बच्चे थे।
— Yasar Shah (@yasarshah_SP) October 7, 2023
इसके बाद भी
भक्त अगर फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्यों की वहाँ मुसलमान हैं।
तो हम भी फ़िलिस्तीन के साथ सिर्फ़ इसलिए खड़े हैं क्योंकि वहाँ मुसलमान हैं।
उखाड़ लो। #आज़ाद_फ़िलिस्तीन
माना जा रहा है कि, सपा नेता के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में बवाल मच सकता है, क्योंकि भारत सरकार ने इजराइल पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और यहूदी देश के प्रति अपना समर्थन जताया है। वहीं, इजराइल ने भी भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि, भारत का आतंकवाद से लड़ने का बहुत पुराना इतिहास रहा है, भारत आतंकवाद को अच्छी तरह समझता है और हम उसके समर्थन के लिए धन्यवाद् देते हैं। इजरायल में आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद कई मुस्लिम देशों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।
सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से आग्रह करते हुए कहा है कि वे इस मामले में संयम बरते। सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हम इजराइल को लगातार कब्जे, फिलिस्तीनियों के उनके 'वैध' अधिकारों से वंचित करने को देखते हुए हालिया स्थिति को लेकर चेतावनी देते रहे हैं। वहीं जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने इजरायल पर हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है और हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की है।उधर, इजरायल और हमास लड़ाकों के बीच जारी युद्ध और भीषण हो चला है। इजरायल पर हमास लड़ाकों की तरफ से हुए हमले में अब तक 700 से अधिक इजराइल के लोग मारे गए हैं और घायलों की संख्या 1590 है। वहीं इजरायल की ओर से हुई जवाबी कार्रवाई में हमास के कब्जे वाले गाजा पट्टी इलाके में 232 लोगों की जान गई है और 1790 लोग जख्मी हैं।
बता दें कि, वहां हमास के आतंकी महिलाओं को नग्न घुमा रहे हैं, उनके मृत शरीरों पर थूक रहे हैं, लेकिन भारत में सपा नेता, AIMIM द्वारा खुलेआम फिलिस्तीनियों का समर्थन किया जा रहा है, कांग्रेस ने तो अपनी वर्किंग कमिटी की बैठक में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित कर दिया है, उस प्रस्ताव में कांग्रेस ने कहीं भी इजराइल पर हुए आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि, भारत में जिस तरह आतंकी 'फ्री कश्मीर' का नारा लगाते हैं और घाटी में बेकसूर लोगों का खून बहाते हैं, वैसे ही हमास के आतंकी फ्री फिलिस्तीन का नारा लगाते हुए इजराइली नागरिकों पर हमला करते हैं और फिर जब इजराइल जवाबी कार्रवाई करता है, तो यही आतंकी महिलाओं और बच्चों को आगे करके विक्टिम कार्ड खेलते हैं। मौजूदा मामले में भी पहले हमास के आतंकियों ने इजराइल पर 5000 रॉकेट दागे थे, जिसमे कई लोग मारे गए और घायल भी हुए। अब इजराइल आतंकियों पर पलटवार कर रहा है, तो कांग्रेस फिलिस्तीन के समर्थन में उतर आई है, जबकि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली समेत 84 देशों ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए इजराइल का समर्थन किया है। ऐसे में ये सवाल पुरजोर तरीके से उठ रहा है कि, क्या वोट बैंक के लिए कांग्रेस देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है ? क्योंकि, जो इजराइल में हो रहा है, वो भारत में भी हो सकता है और कई बार पहले हो भी चुका है। 1990 का कश्मीरी हिन्दू नरसंहार कौन भूल सकता है, तो क्या उन आतंकियों पर प्रहार नहीं होना चाहिए ?
इजराइल पर 5000 रॉकेट दागने वाले फिलिस्तीनियों का समर्थन कर चौतरफा घिरी कांग्रेस और AIMIM !