नई दिल्ली: भोपाल और मुंबई सहित विश्व के विभिन्न देशों में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का जमकर विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तो कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ जुटी और इमैनुएल मैक्रों का पूतला जलाया। सवाल यही है कि आखिर दुनियाभर की मुस्लिम आबादी एकदम इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ क्यों खड़ी हो गई है।
यह पूरी किस्सा आतंकवाद के खिलाफ जंग से जुड़ा है। इस घटनाक्रम का आगाज़ 16 अक्टूबर को हुआ था। इस दिन फ्रांस में सैमुअल पैटी नामक टीचर की स्कूल के पास गला काटकर हत्या कर दी गई थी। पैटी का कसूर केवल ये था कि उन्होंने कट्टरता को समझाने के लिए अपनी कक्षा में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का उपयोग किया था। यह बात कट्टरपंथियों को पसंद नहींं आई और उन्होंने पैटी की हत्या कर दी।इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्रपति होने के नाते इस मामले की कड़ी निंदा की थी। इतनाही नहीं, वे पैटी के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए था।
इसके साथ ही पैटी को मरणोपरांत देश के सबसे बड़े सम्मान से भी नवाजा गया था। साथ ही कहा कि यह सब इस्लामिक कट्टरता का परिणाम है। यही बात इस्लामिक देशों को चूभ गई और अब पाकिस्तान, सऊदी अरब, ईरान में इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शन की यह आग अब भारत में भी पहुंच चुकी है। इस्लामिक देशों में मांग उठ रही है कि फ्रांस के उत्पादों का बॉयकॉट किया जाए।
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