इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा. आज के दिन बहनें अपनी भाई की कलाई में राखी बांधती हैं एवं भाइयों की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं. रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, रक्षाबंधन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. हालांकि राखी के पूजन की जानकारी सभी को होती हैं. मगर, रक्षाबंधन की थाली बेहद अहम मानी जाती है, जिससे भाई की आरती उतारी जाती है एवं टीका भी किया जाता है. राखी की थाली को बहुत शुभ माना जाता है. हिन्दू धर्म पूजा की थाली की खास अहमियत है. इसलिए चलिए जानते हैं कि रक्षाबंधन की थाली में क्या क्या सामग्री होनी चाहिए तथा पूजा करते वक़्त क्या सावधानी रखनी चाहिए.
राखी की थाली और सामग्री:-
राखी की थाली में रोली, हल्दी, अक्षत, घी दीपक, श्रीफल, फूल, रक्षासूत्र एवं मिठाई का होना बहुत जरुरी माना जाता है. इन चीजों को लेकर पूजा करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. राखी बांधने से पहले राखी की थाली सजाई जाती है. इस थाली को भी पूजा की थाली की भांति सजाया जाता है. बहनों को अपनी राखी की थाली में इन आवश्यक सामग्रियों से पूजा बहुत शुभ होती है. पूजा की थाली में रोली से स्वास्तिक या अष्ट लक्ष्मी का चिन्ह बनाना शुभ होता है. तत्पश्चात, उसमें एक लाल रंग का कपड़ा भी बिछा लेना चाहिए तथा फिर इन सामग्रियों को उस थाली में रख लेना चाहिए. उस थाली में राखी, तिलक के लिए कुमकुम एवं अक्षत. याद रखें कि अक्षत यानी चावल टूटा हुआ ना हो. नारियल, मिठाई, सिर पर रखने के लिए छोटा सा रुमाल, आरती के लिए दीपक.
जानिए कैसे बांधे राखी?
राखी सबसे पहले बहनों को इस पूजा की थाली से भाई को तिलक लगाना चाहिए. अक्षत लगाना चाहिए. रक्षा सूत्र बांधकर भाई की आरती उतारनी चाहिए. फिर बहनों को अपने हाथों से भाई को मिठाई खिलानी चाहिए. ऐसा करने से भाइयों को दीर्घायु प्राप्त होती है.
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