EDITOR DESK: रेप पर राजनीति कहां तक उचित?

EDITOR DESK: रेप पर राजनीति कहां तक उचित?
Share:

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में दुष्कर्म के मामले को लेकर इन दिनों राजनीति जोर—शोर से चल रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव इस मामले को लेकर लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। तेजस्वी तो मामले को लेकर दिल्ली के जंतर—मंतर पर धरना देने पहुंच गए और इसमें उनका साथ अन्न दलों ने भी दिया। वहीं सत्ता पक्ष भी इस मसले पर विपक्ष को कोसने से बाज नहीं आ रहा है। 
मासूमों से ज्यादती के यह मामले नए नहीं है। आए दिन किसी न किसी बच्ची से दुष्कर्म  की खबरें आती रहती हैं और हर बार जब भी ऐसे मामले  सामने आते हैं, तो राजनीतिक दल इनसे लगी आग पर अपनी रोटियां सेंकने से बाज नहीं आते। फिर वह चाहे मंदसौर हो, उन्नाव हो या कठुआ। राजनीतिक दल एक—दूसरे पर आरोप—प्रत्यारोप लगाने लगते हैं। एक पार्टी दूसरी पार्टी के नेताओं को मामले में घसीटती है और इस राजनीति के बीच उस मामले की पीड़ित की आवाज पूरी तरह दब जाती है। राजनीतिक दल न तो उस पीड़ित की व्यथा को समझ पाते हैं और न ही उसे लेकर कोई बात करते हैं। विपक्ष जहां ऐसे मामलों पर सत्ता पक्ष पर आरोप लगाता है, तो सत्ता पक्ष मामलों पर राजनीति करने का आरोप लगाकर विपक्ष को घेरने की कोशिश करता है। 
यहां सवाल यह है कि रेप जैसे मामलों पर राजनीति कहां तक ​उचित है? आखिर राजनीतिक दल क्या चाहते हैं? क्या वह ऐसे मामलों को केवल अपनी स्वार्थ सिद्धी का  माध्यम मानते हैं और उन्हें केवल अपने वोट बैंक से मतलब है फिर चाहे वह वोट किसी मासूम की अस्मत को तार—तार करके ही क्यों न मिले। 

जानकारी और भी

चैलेंज का फितूर या जान का जोखिम

EDITOR DESK: हंगामा क्यों है बरपा?

EDITOR DESK : महागठबंधन को गठबंधन की दरकार

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -