सीट शेयरिंग को लेकर उलझा MVA, शिवसेना ने रख दी बड़ी मांग !

सीट शेयरिंग को लेकर उलझा MVA, शिवसेना ने रख दी बड़ी मांग !
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मुंबई:  महा विकास अघाड़ी (MVA) आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र मुंबई में सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों से जूझ रहा है, जहां शिवसेना (UBT) अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की NCP और कांग्रेस के गठबंधन ने शनिवार को मुंबई में सीट बंटवारे पर चर्चा की। बैठक के बाद, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि राजधानी शहर में 99 प्रतिशत सीटों पर अंतिम रूप से फैसला हो चुका है।

हालांकि, NCP और कांग्रेस ने इससे इनकार करते हुए कहा कि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा है कि, "हमारी चर्चा जारी रहेगी। कांग्रेस ने 16 सीटें मांगी हैं। हम किसी भी सीट पर सहमति नहीं बना पाए हैं। हम भविष्य की बैठकों में इस पर फैसला लेंगे।" NCP ने भी सीट बंटवारे के समझौते से इनकार किया है। NCP (SP) के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि उनकी पार्टी आठ सीटों पर नज़र गड़ाए हुए है। तपासे ने कहा कि, "हमारे पास एक विधायक नवाब मलिक था, लेकिन अब हमारे पास कोई नहीं है। सीट बंटवारे पर पहले दौर की बातचीत हो चुकी है। बाद की बैठकों में, एमवीए नेता सीट बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप देने पर फैसला करेंगे।" 

एक रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना (UBT) मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों की मांग कर रही है। कांग्रेस 15 सीटें मांग रही है, जबकि NCP सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। MVA के एक नेता ने बताया है कि शिवसेना 2019 में जीती गई सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, सिवाय चंदीवली के, जिसे वह कांग्रेस से वांद्रे ईस्ट के साथ बदलने के लिए तैयार है।  एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने संकेत दिया है कि मुंबई में शिवसेना को बड़ा हिस्सा मिल सकता है। उन्होंने कहा, "मुंबई में सीटों के बंटवारे के मामले में शिवसेना बड़ा भाई बनी रहेगी।"

MVA ने जहां सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है, वहीं सत्तारूढ़ महायुति ने अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं की है, जबकि अजित पवार की एनसीपी जल्द से जल्द सीटों के बंटवारे पर जोर दे रही है। एनसीपी 80-90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना 288 में से 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।  महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत में चुनाव होंगे , जहाँ फ़िलहाल NDA की सरकार है। 

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