श्रीनगर: भारत के शहरों, गांवों में कई विलक्षण प्रतिभाओं के लोग मौजूद हैं. सोशल मीडिया वाले युग में सर्वाधिक लाभ ऐसे प्रतिभावान लोगों को ही मिला है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड था. इसमें पीएम मोदी ने कई पुरानी यादों का उल्लेख किया. ये बात सच है कि मन की बात में पीएम मोदी ने जिसका भी उल्लेख किया उन लोगों को पूरा देश जान गया और उनके काराबारों में जमकर वृद्धि हुई. पहले ये लोग छोटे-छोटे काम कर रहे थे. ऐसा ही एक नाम हैं कश्मीर के मंजूर अहमद का.
बता दें कि, दशकों तक घाटी में इस्लामी आतंकवाद का साया रहा. हालाँकि, घाटी में शुरू से टूरिस्ट के साथ ही लकड़ी का अच्छा व्यवसाय है. मगर, आतंक और अलगाववाद की वजह से ये लोग बड़े पैमाने के कंपनियां या फैक्ट्री नहीं लगा पाए. पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में मंजूर अहमद का उल्लेख किया था. मंजूर पुलवामा जिले के अंतर्गत आने वाले ओखू गांव में रहते हैं. ये पेंसिल और स्लेट का व्यवसाय करते हैं. मगर, इनका कारोबार वैसा नहीं चलता था, जितना अब चलने लगा है. पीएम मोदी ने 100वें एपिसोड में उनका उल्लेख किया. पीएम ने मंजूर से पूछा कि अब उनका पेंसिल और स्लेट का कारोबार कैसा चल रहा है.
जिसपर मंजूर अहमद ने बताया कि वो अब बेहद खुश है. जब से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उनका जिक्र हुआ है. तब से उनका कारोबार काफी बढ़ गया है. अभी तक उसकी कंपनी में लगभग 200 लोग काम करते हैं, किन्तु अब वो एक और कारखाना खोलने वाले हैं. जिसमें 200 से अधिक कर्मचारी होंगे. इससे आस-पास के गांव वालों को लाभ होगा. दरअसल, कश्मीर के पुलवामा का नाम अक्सर आपने एनकाउंटर और आतंकी गतिविधियों के लिए ही सुना होगा, लेकिन मंजूर अहमद ने इस गांव का नाम ही बदल दिया वो भी अपने काम से. अब लोग इस गांव को पेंसिल विलेज ने नाम से जानते हैं.
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