अहमदाबाद: गुजरात के बिलकिस बानो मामले के अपराधियों की रिहाई के बाद गुजरात सरकार के फैसले पर देशभर में सवाल उठ रहे हैं। जिसकी वजह गुजरात सरकार ने सभी 11 अपराधियों को रीमिशन पॉलिसी के तहत रिहा कर दिया था। इस पर विवाद तो बहुत हुआ किन्तु कई वर्षों पश्चात् सभी अपराधी जेल से बाहर आ गए। हालांकि एक बार फिर ये मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है। इस बीच बिलकिस बानो मामले में एक गवाह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उन्हें इस मामले के प्रमुख अपराधियों में से एक राधेश्याम शाह के माध्यम से मारने की धमकी दी गई है।
दरअसल, गवाह इम्तियाज घांची गुजरात के सींधवड गांव के मूल निवासी हैं तथा वर्तमान में देवगढ़ बरिया में रहते हैं। 19 सितंबर को लिखी अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि वह 15 सितंबर को सींधवड से देवगढ़ बरिया लौट रहे थे। तभी राधेश्याम शाह ने उन्हें पिपलोद रेलवे बैरिकेड पर देखा। आरोप है कि शाह ने संकेत किया तथा कथित तौर पर कहा, "आपको क्या मिला मुझे अपराधी कहकर, मैं अभी बाहर हूं।" तत्पश्चात, वह वहां से चले गए। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मेरी जान को खतरा है। अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
आपको बता दें कि वर्ष 2002 में पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके साथ ही उनके परिवार के 7 सदस्यों का क़त्ल भी कर दिया गया था। इस मामले में 21 जनवरी 2008 को मुंबई की विशेष CBI कोर्ट ने 11 अपराधियों को अपराधी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने भी सजा को बरकरार रखा था। लेकिन गुजरात सरकार ने माफी नीति के आधार पर इन 11 अपराधियों को वक़्त से पहले ही रिहा कर दिया था। सरकार के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में फिर से चुनौती दी गई है। जिस पर सुनवाई चल रही है।
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