नई दिल्ली: भारत दौरे पर आए मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉक्टर मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने बुधवार (12 जुलाई 2023) को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। साथ ही ईसा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य धार्मिक नेताओं के साथ मुलाकात पर खुशी प्रकट करते हुए भारत के लोकतंत्र एवं बहुलतावाद की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, 'मैं भारतीय लोकतंत्र को तह-ए-दिल से सलाम करता हूँ। मैं भारत के संविधान को सलाम करता हूँ। मैं विश्व को सद्भावना सिखाने वाले भारतीय दर्शन और परंपरा को भी नमन करता हूँ।' उन्होंने कहा कि, मैंने भारत में जो मैंने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देखा, वह भी अपने आप में अद्वितीय और अद्भुत है।
#WATCH | I salute Indian democracy from the bottom of my heart. I salute the Constitution of India. I also salute the Indian philosophy and tradition that taught harmony to the world: Dr Mohammed bin Abdulkarim Al-Issa, Secretary General, Muslim World League, in Delhi pic.twitter.com/YHp7QaEsLx
— ANI (@ANI) July 12, 2023
Harmony of Dialogue among Religions को संबोधित करते हुए अल-ईसा ने कहा कि, 'जब भी संवाद की कमी होती है, तो दो लोगों के बीच में गलतफहमी और समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए संवाद का पुल बनाना जरूरी है। सांस्कृतिक टकराव (Clash of Civilisation) को रोकने के लिए हमें अगली पीढ़ी का बचपन से ही मार्गदर्शन देना होगा और उन्हें इससे बचाना होगा।' आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए दुनिया के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में से एक ने कहा कि, 'गलतफहमी, घृणा और गलत अवधारणाओं ने कट्टरपंथ फैलाकर आतंकवाद बढ़ाने में मदद दी है। अपनी ताकत को बढ़ाने वाले काफी सारे नेता हेट नैरेटिव का इस्तेमाल करते हैं और अपनी प्रासंगिकता एवं नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं।' अल-ईसा ने कहा कि कुछ ही संस्थाएँ इस प्रकार की गलत विचार परोसते हैं।
हिन्दू बहुल होने के बावजूद भारत ने स्वीकार किया धर्मनिरपेक्ष संविधान:-
बता दें कि, इससे पहले मंगलवार (11 जुलाई) को सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री अल-ईसा ने कहा था कि, 'भारत ने हिंदू बहुल राष्ट्र होने के बाद भी धर्मनिरपेक्ष संविधान स्वीकार किया, ये यहाँ की खासियत है। विभिन्न संस्कृतियों में संवाद स्थापित करना वक़्त की माँग है। सहनशीलता जीवन का हिस्सा है। इस्लाम प्यार और संवाद के लिए हमेशा खुला है।' उन्होंने कहा कि, 'भारत के संबंध में पाकिस्तान दुष्प्रचार किया करता है। भारत में मुस्लिम और उनके मज़हब को कोई खतरा नहीं है। मुस्लिम देश इंडोनेशिया को छोड़ दें, तो भारत में दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी रहती है। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के 33 सदस्य देशों के बराबर मुस्लिम भारत में रहते हैं।'
अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम नेता से अलग जावेद अख्तर के बयान :-
बता दें कि, जहाँ एक तरफ सऊदी अरब के नेता भारत की प्रशंसा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जावेद अख्तर के अलग ही बयान हैं। अख्तर ने कहा है कि भारत की विविधता (यानी अग-अलग धर्म के लोगों के रहने के चलते) देखते हुए भारत में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना संभव ही नहीं है। अख्तर ने कहा कि, 'भारत एक औसत यूरोपीय देश जैसा नहीं है, जहाँ एक धर्म, एक संस्कृति और एक परंपरा है। यहाँ संस्कृतियों, उप-संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, परंपराओं में काफी विविधता है। यह विविधता इतनी ज्यादा है कि यह कल्पना करना काफी मुश्किल हो जाता है कि इसे कैसे हासिल किया जा सकता है।'
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