यांगून: म्यांमार द्वारा नियुक्त पैनल बीते सोमवार यानी 20 जनवरी 2020 को निष्कर्ष पर पहुंचा और बताया कि उसके कुछ सैनिकों ने रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के खिलाफ युद्ध जैसी स्थिति बनाई, जंहा लेकिन कहा गया कि उस दौरान सेना नरसंहार के लिए दोषी नहीं थी.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार इस बात का पता चला है कि रोहिंग्या मुस्लिम के साथ हुए इस कर्तव्व की निंदा की गई. स्वतंत्र जांच आयोग (ICOE) ने जांच के नतीजे जारी किए. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत द्वारा म्यांमार में कथित तौर पर जारी नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए कहा गया.
वहीं आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ सुरक्षाकर्मियों ने निर्दोष ग्रामीणों की हत्या और उनके घरों को नष्ट करने सहित कई अनुपातहीन बल का इस्तेमाल किया था और युद्ध अपराध और गंभीर मानव अधिकारों का उल्लंघन किया था. वहीं हालांकि, यहां पैनल ने तय किया कि इन अपराधों से नरसंहार का गठन नहीं किया.
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