यंगून। म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार और दुर्व्यवहार में कमी आने की अभी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। इस मामले में थोड़ी उम्मीद तब जागी थी जब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इस मामले में म्यांमार सरकार को यह अत्याचार रुकवाने के साथ-साथ इस मामले की जाँच करने के भी आदेश दिए थे लेकिन अब म्यांमार सरकार ने भी इस आदेश को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
अब चीन के रास्ते व्यापार करेगा नेपाल, भारत पर निर्भरता ख़त्म
इतना ही नहीं शुक्रवार को म्यांमार की सरकार ने इस आदेश को खारिज करने की वजह बताते हुए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) पर ही आरोप लगा दिए। दरअसल म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय की ओऱ से हाल ही में एक बयान जारी किया गया है जिसमे कहा गया है कि आईसीसी का यह फैसला एक दोषपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा है और इसकी कानूनी योग्यता पर भी संदेह है। इसके साथ ही म्यांमार सरकार ने यह भी कहा है कि अब वो इस मामले में मीडिआ से किसी तरह की बात भी नहीं करेगी।
गौरतलब है कि म्यांमार में बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम रहते है लेकिन पिछले कुछ महीनो से म्यांमार सरकार इन्हे अपने देश से खदेड़ने के लिए अभियान चला रही है और आस पड़ोस का कोई भी देश इन्हे शरण देने के लिए राजी नहीं हो रहा है। इस वजह से इन रोहिंग्या मुस्लिमों को बेहद अमानवीय तरीको से प्रताड़ित किया जा रहा है।
खबरें और भी
वर्षों से प्रताड़ित हो रहे हैं हिंदू, अब एकजुट होना होगा : मोहन भगवत
सुर्खियां: ये है देश और दुनिया की आज की सबसे बड़ी ख़बरें
जैक मा : जन्मदिन पर अपनी ही कंपनी से रिटायरमेंट लेगा चीन का यह सबसे अमीर व्यक्ति, यह है वजह