नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। रोज़ाना 2.50 लाख से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं और कोविड से मरने वालों की तादाद में भी वृद्धि जारी है। जहां एक तरफ देश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कमी है। वहीं दूसरी तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है। कर्नाटक से एक ऐसा ही बेहद असंवेदनशील मामला प्रकाश में आया है, जिसके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने एक्शन लिया है।
दरअसल, कर्नाटक के मैसूर में एक नर्स को रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में खारा पानी और एंटीबायोटिक्स मिलाकर बेचने के इल्जाम में अरेस्ट कर लिया है। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच इस जीवन रक्षक दवाई की डिमांड काफी बढ़ गई है। मैसूर पुलिस को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी की सूचना मिली थी। इसके बाद कार्रवाई की है। मैसूर के पुलिस आयुक्त चंद्रगुप्त ने यह जानकारी दी है। पुलिस को पता चला कि इस कालाबाजारी रैकेट के का मास्टरमाइंड गिरिश नाम का एक शख्स था, जो कि पेशे से नर्स है।
पुलिस आयुक्त चंद्रगुप्त ने जानकारी देते हुए बताया है कि विभिन्न कंपनियों की रेमडेसिविर की बोतलों को रिसाइकिल करके एंटीबायोटिक्स और सलाइन से भरा और मार्केट में उतार दिया। वह 2020 से ऐसा कर रहा था। हम इस रैकेट के असर का पता लगा रहे हैं और उसने कहां अपने स्टॉक की सप्लाई की है। गिरीश ने खुलासा किया है कि वह अपने साथियों के साथ गत वर्ष से ऐसा कर रहा है। उसके साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरीश JSS अस्पताल में बतौर स्टाफ नर्स तैनात था।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के एक महीने की लागत जीडीपी का 1-2 प्रतिशत है: बोफो सिक्योरिटीज
IOC और BPCL का बड़ा ऐलान, दिल्ली-हरियाणा-पंजाब के अस्पतालों में की जाएगी ऑक्सीजन की सप्लाई
रिजर्व बैंक ने एआरसी नियमों की समीक्षा के लिए समिति का किया गया गठन