श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बदहाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि प्रभावित इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय डॉक्टर और विशेषज्ञ अब तक बीमारी की पहचान नहीं कर सके हैं, जिससे लोगों में डर और बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस अज्ञात बीमारी की वजह से बुधवार को 12 वर्षीय अशफाक अहमद ने दम तोड़ दिया था। अशफाक, मोहम्मद रफीक के बेटे थे और पिछले छह दिनों से जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। हालत बिगड़ने पर उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अशफाक के छोटे भाई-बहन, 7 वर्षीय इश्तियाक और 5 वर्षीय नाजिया की भी पिछले गुरुवार को इसी बीमारी के कारण मौत हो गई थी। सभी मृतक बदहाल गांव के दो परिवारों से हैं, जिनमें 14 साल से कम उम्र के छह बच्चे शामिल हैं। अभी तक इस बीमारी के लक्षण, शरीर पर इसका प्रभाव, जैसी कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है, जिसके कारण डॉक्टर भी इसका उपचार करने में खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं।
राजौरी के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने प्रभावित गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया। केंद्र सरकार की ओर से विशेषज्ञों की एक टीम को मामले की जांच में मदद के लिए भेजा गया है। इसके अलावा, राजौरी में एक बायोसेफ्टी लेवल 3 (BSL-3) मोबाइल प्रयोगशाला तैनात की गई है, ताकि बीमारी के कारणों का जल्द पता लगाया जा सके।
लगातार हो रही मौतों से बदहाल गांव के लोग डर और सदमे में हैं। नवगठित उमर अब्दुल्ला सरकार पर इस संकट से निपटने का भारी दबाव है। विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। हालाँकि, केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों और मेडिकल संसाधनों के जरिए पूरी मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन अब तक बीमारी और मौतों के कारणों का पता न लगना चिंता का विषय बना हुआ है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों से सावधानी बरतने और स्वास्थ्य सेवाओं से तुरंत संपर्क करने की अपील की है। इलाके में मेडिकल टीमें सक्रिय हैं, लेकिन जब तक बीमारी की पहचान नहीं हो जाती, डर का माहौल बना रहना तय है।