पाकिस्तान में जर्मन डिप्लोमेट की रहस्यमयी मौत, नाक-मुंह से निकल रहा खून, राजधानी में मिली लाश

पाकिस्तान में जर्मन डिप्लोमेट की रहस्यमयी मौत, नाक-मुंह से निकल रहा खून, राजधानी में मिली लाश
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित डिप्लोमैटिक एन्क्लेव में सोमवार को जर्मन दूतावास के एक वरिष्ठ राजनयिक मृत पाए गए। मृतक की पहचान 58 वर्षीय थॉमस जुर्गन बिलेफेल्ड के रूप में हुई है, जो जर्मन दूतावास में द्वितीय सचिव के रूप में कार्यरत थे। इस घटना ने राजनयिक समुदाय में हलचल पैदा कर दी है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बिलेफेल्ड का शव उनके आवास, कराकोरम हाइट्स, में मिला, जो उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है। शव मिलने के समय उनकी आँखों, नाक और मुँह से खून बह रहा था, जिससे परिस्थितियाँ संदिग्ध प्रतीत हो रही हैं। 

घटना का पता तब चला जब बिलेफेल्ड सोमवार को अपने कार्यालय नहीं पहुँचे और उनके दूतावास के सहकर्मियों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की। कई बार फोन करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने पर, दूतावास के एक कर्मचारी को उनके आवास पर भेजा गया। जब वहाँ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके घर का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया, जहाँ उन्हें मृत अवस्था में पाया गया। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। 

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। प्रारंभिक जांच में संकेत मिला है कि बिलेफेल्ड को हृदय संबंधी समस्याएँ थीं। हालांकि, उनकी मौत के कारणों को लेकर अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है। पुलिस के अनुसार, बिलेफेल्ड की व्हाट्सएप गतिविधि शनिवार शाम 7:44 बजे आखिरी बार दर्ज हुई थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी मृत्यु संभवतः उसी दिन या उसके बाद हुई होगी। 

घटना के बाद जर्मन दूतावास के अधिकारियों से पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, स्थानीय मीडिया में इस घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है। इसके लिए फोरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम के नतीजों का इंतजार है। इस बीच, डिप्लोमैटिक एन्क्लेव जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में इस तरह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। 

थॉमस जुर्गन बिलेफेल्ड लंबे समय से जर्मन दूतावास में कार्यरत थे और उन्हें एक अनुभवी और सम्मानित राजनयिक माना जाता था। उनकी मौत से उनके सहकर्मियों और राजनयिक समुदाय में गहरा शोक व्याप्त है। मामले की जांच जारी है और पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है।

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