पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए भगवान ने छोटे-बड़े हर तरह के जीव-जंतु बनाए हैं. इनमें से एक चींटी भी है. आपने अक्सर देखा यह होगा कि चीटियां हमेशा एक लाइन में ही चलती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है. आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे है.
चीटियां सामाजिक प्राणी होती हैं, जो कॉलोनी में रहती हैं. इस कॉलोनी में रानी चींटी, नर चींटी और बहुत सारी मादा चीटियां होती हैं. रानी चींटी के बच्चों की संख्या लाखों में होती है. नर चींटियों की पहचान ये होती है कि उनके पंख होते हैं, जबकि मादा चींटियों के पंख नहीं होते हैं. वैसे आमतौर पर हम सिर्फ लाल और काली चींटियों के बारे में ही जानते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में चींटियों की 12 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं. अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर कोने में चींटियां पायी जाती हैं. दुनिया की सबसे खतरनाक चींटियां ब्राजील में स्थित अमेजन के जंगलों में पायी जाती हैं. कहते हैं वो इतना तेज डंक मारती हैं, जैसे लगता है बंदूक की गोली शरीर में घुस गई हो. इसी खासियत की वजह से इन चींटियों को 'बुलेट एंट (चींटी)' के नाम से जाना जाता है.
चींटी अपने आकार के संबंध में दुनिया के सबसे मजबूत प्राणियों में से एक है. यह दिखने में भले ही छोटी होती है, लेकिन इनके अंदर ऐसी काबिलियत होती है कि ये अपने वजन से 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं. चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं. ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के आवागमन के लिए उनके शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं. हालांकि चींटियों के कान भी नहीं होते हैं. वो जमीन के कंपन से ही शोर का अनुभव करती हैं. वैसे तो चींटियों की आंखें होती हैं, लेकिन वो सिर्फ दिखावे के लिए होती हैं. उनसे वो देख नहीं सकती हैं. खाने की तलाश में जब ये चींटियां बाहर निकलती हैं तो उनकी रानी रास्ते में फेरोमोन्स नाम का एक रसायन छोड़ते हुए जाती है, जिसकी गंध को सूंघते हुए बाकी चींटियां भी उसके पीछे चलती जाती हैं, जिससे एक लाइन बन जाती है. यही वजह है कि चींटियां एक लाइन में चलती हैं.
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