भारत में कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं जहां काफी सारे रहस्य देखने को मिलते हैं. हर मंदिर अपना विशेष महत्व रखता हैं. उन मंदिरों के खास रहस्यों के कारण जाने जाते हैं. आज एक और मंदिर के बारे में हम बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जायेंगे. इस मंदिर में ऐसा होता है कि अगर कोई विपदा आने वाली होती है तो भगवान अपने संकेत देते हैं. जी हाँ, कश्मीर में स्थित माता खीर भवानी का मंदिर, जहां के बारे में कहाँ जाता है की कोई आपदा आने से पहले इस मंदिर के कुंड के पानी का रंग काला हो जाता हैं. इसी के साथ आपको बता दें, कुछ क्या है इसके पीछे का राज़.
श्रीनगर से 27 किलोमीटर दूर तुल्ला मुल्ला गांव में स्थित खीर भवानी मंदिर के चारों ओर चिनार के पेड़ और नदियों की धाराएं हैं, जो यहां की सुंदरता को बढाते हैं. मंदिर का नाम ये पड़ा क्योंकि यहां प्रसाद के रूप में भक्तों द्वारा केवल एक भारतीय मिठाई खीर और दूध ही चढ़ाया जाता है. इस कुंड की ऐसी मान्यता है कि किसी प्राकृतिक आपदा की भविष्यवाणी के सदृश, आपदा के आने से पहले ही मंदिर के कुंड का पानी काला पड़ जाता है. खीर भवानी मंदिर यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है तथा यह मंदिर माता रंगने देवी को समर्पित है.
इतना ही नहीं इसके पीछे रामायण काल की कथा भी है जो काफी प्रचलित है. कथा के अनुसार रामायण काल में भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी सीता जी को रावण के चंगुल से मुक्त कराने के लिए लंका पर चढ़ाई करने का निश्चय किया. इसी की पूरी कहानी है. इसके बाद उस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण किया गया. मंदिर में देवी की प्रतिमा स्थापित है. बाद में राजा प्रताप सिंह ने 1912 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया. श्रीनगर में स्थित यह देवी मंदिर श्रद्धालुओं का पवित्र देवी धाम है. यहां देवी को प्रसाद के रूप में दूध-खीर चढ़ाया जाता है.
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