दुनिया में कई मंदिर हैं और सभी के रीती - रिवाज अलग -अलग है. ऐसे में आज हम बात करने जा रहे हैं असम के गुवाहाटी से कुछ किलोमीटर दूर स्थित देवी सती के कामाख्या मंदिर की. जी दरअसल में इस मंदिर के बारे में कई अजीब मान्यताएं है जिनके बारे में आप सभी को शायद ही पता होगा. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं. इस मंदिर में एक चट्टान रूप बना हुआ है जिसकी योनि में से रक्त निकलता है. जी हाँ और यहाँ पर जो भी भक्त आते है उन्हें प्रसाद के रूप में कोई पूड़ी-सब्जी या चिरौंजी नहीं दी जाती बल्कि उन्हें खून से सना एक कपडा दिया जाता है.
कहते है कि तीन दिन जब मंदिर के दरवाजे बंद रहते है तब मंदिर में एक सफेद कपडा बिछाया जाता है जो मंदिर के दरवाजे खुलने पर लाल हो जाता है और उसके बाद उसी कपडे को भक्तों में प्रसाद के रूप में बाँट दिया जाता हैं. इस लाल खून से स्ने कपडे को अंबुवाची प्रसाद कहते है जो हर साल लोग लेने जाते हैं. इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है यहाँ सिर्फ एक योनि के रूप में बनी चट्टान है जिसकी पूजा की जाती हैं.
मंदिर में पशुओं की बलि भी दी जाती है लेकिन शर्त ये है कि पशु मेल होना चाहिए फीमेल नहीं. कई लोग इस बात को अंधविश्वास मानते है तो कई इन बातों पर विशवास करते हैं.
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