वाशिंगटन: पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के खिलाफ पाकिस्तान आर्मी ने देश विरोधी होने का आरोप लगाया है जिस पर वॉयस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत ने पाकिस्तान आर्मी को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि देश की सेना राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान है न कि कोर्ट. पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) मेजर जनरल आसिफ गफूर ने 4 जून को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'पीटीएम के सदस्य देश विरोधी भावनाओं को उकसा रहे हैं.'
नुसरत ने कहा कि पंजाबी वर्चस्व वाली पाकिस्तान की आर्मी देश के उत्पीड़ित जातीय अल्पसंख्यकों के वास्तविक जमीनी आंदोलनों को देश विरोधी बताती रही है. आर्मी द्वारा की गई टिप्पणी को पख्तूनों का अपमान बताते हुए नुसरत ने कहा, बिना किसी वैध सबूत के कोर्ट उन्हें समर्थन दे रहा है, डीजी आइएसपीआर का आरोप कुछ नहीं बस एक प्रोपैगैंडा है.
नदीम नुसरन ने आगे कहा कि डीजी आइएसपीआर के बयान कहीं अधिक गैर जिम्मेदाराना हैं. पीटीएम के कवरेज व सोशल मीडिया की भूमिका के बारे में डीजी आइएसपीआर के आरोपों पर कमेंट करते हुए नुसरत ने कहा पाकिस्तानी मिलिट्री ने पहले ही पीटीएम के इवेंट्स के कवरेज से पाकिस्तानी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रोक दिया है.अब ISPR विदेशी मीडिया व सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को भी इससे रोकना चाहता है. मामला राजनीति और सेना के बीच विवादित होता जा रहा है.
माछिल में सेना ने किया तीन आतंकियों का खात्मा
पाकिस्तान में हुआ महिला पत्रकार का अपहरण
पाकिस्तान में अस्थायी सरकार का गठन