सावन का महीना एक त्योहारों का महीना है इसमें अनेक त्यौहार आते हैं सावन में आने वाले सोमवार को तो ख़ास माना ही जाता है. इसके अलावा भी सावन में ख़ास तरिके के व्रत आते हैं. पिछले दिनों ही गुरु पूर्णिमा, हरियाली अमवस्या, हरियाली तीज मनाई और जल्द ही नागपंचमी आने वाली है.
नागपंचमी की पूजा के लिए महिलाएं अभी से ही तैयारियों में जुट गई और अपने घर के साज-सज्जा में जुटी हुई है. बता दें कि नाग पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है सावन में पंचमी के दिन 'नागपंचमी का पर्व' परंपरागत श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जाता है. नागपंचमी का दिन सांपो को समर्पित हैं.
नाग पंचमी पर पूजन करते समय पढ़ें ये मंत्र
इस दिन नाग दर्शन का विशेष माहात्म्य है और कहा जाता है कि अगर कोई इस दिन सांपो की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करते हैं तो उनसे भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं. इस साल नागपंचमी 15 अगस्त को है और इसके बाद भी कई त्यौहार और व्रत आने वाले हैं.
नागपंचमी पर करें नाग के 12 स्वरूपों की पूजा, जानें उनके 12 नाम
14 अगस्त : भौमव्रत। अंगारकी वैनायकी गणेश चतुर्थी। वरद चतुर्थीव्रत।
15 अगस्त : श्री नाग पंचमी व्रत। भारतीय स्वतंत्रता दिवस।
16 अगस्त : श्री शीतला षष्ठी व्रत।काल्कि जयंती। पारसी नववर्षकी पूर्वसंध्या।
17 अगस्त : गोस्वामी श्री तुलसीदास जयंती। पारसी नववर्ष दिवस।
18 अगस्त : श्री दुर्गाष्टमी व्रत।श्री वरमहालक्ष्मी व्रत (दक्षिण भारत)।
19 अगस्त : श्रावण शुक्ल नवमी रात्रि 3 बजकर 15 मिनट तक उपरांत दशमी।
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