उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में नागपंचमी के दिन महाकालेश्वर मंदिर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के पट बीते कल यानी गुरुवार रात्रि 12 बजे ही खोले जा चुके हैं। मिली जानकारी के तहत इस दौरान महानिर्वाणी अखाड़े के महंत ने भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन अर्चन किया। बताया जा रहा है अब मंदिर के पट आज यानी शुक्रवार रात 12 बजे तक खुले रहने वाले हैं। आप सभी जानते ही होंगे कि इससे पहले कोरोना महामारी की वजह से मंदिर के पट बंद थे।
हालाँकि इस साल भी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद ही रहने वाला है। खबरों के अनुसार आज शुक्रवार को यहां भगवान नागचंद्रेश्वर का त्रिकाल पूजन किया जाएगा। आप सभी को बता दें कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख भगवान महाकालेश्वर मंदिर तीन खंडों में विभक्त है। इनमे सबसे नीचे भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओमकारेश्वर तथा तीसरे खंड में भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। कहा जाता है इस मंदिर में नाग पर विराजमान शिव पार्वती की अति दुर्लभ मूर्ति है।
ऐसी मान्यता है कि मंदिर में नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के दर्शन और पूजन से शिव पार्वती दोनों ही प्रसन्न होते है, इसी के साथ ही साथ सर्प भय से भी मुक्ति मिलती है। कहते हैं नागपंचमी पर नाग को दूध पिलाने की अनोखी परंपरा है और इसी के चलते पूजन अर्चन के दौरान महंत द्वारा नाग की प्रतिमा पर दूध चढ़ाया जाता है। आप सभी को बता दें कि उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मन्दिर में स्थित मूर्ति 11वीं शताब्दी के परमार काल के दौरान की है।
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