आज नागपंचमी का पर्व पूरे भारत में मनाया जा रहा है। इस दिन नाग देवता का पूजन किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि नागों की पूजा करते समय नागपंचमी की कथा पढ़ना जरूरी माना जाता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं नागपंचमी की कथा क्या है?
पौराणिक कथा - एक किसान अपने परिवार के साथ अपना गुजर बसर करता था। उसके 2 लड़के व 1 लड़की तीन बच्चे थे। एक दिन वह खेत में हल चला रहा था, तो उसके हल में फंसकर नागिन के तीन बच्चे मर गए। बच्चों की मौत पर मां नागिन विलाप करने लगी। गुस्से में नागिन ने मारने वाले से बदला लेने का प्रण लिया। एक रात जब किसान अपने बच्चों के साथ सो रहा था। तो नागिन ने किसान, उसकी पत्नी व दो बच्चों को डस लिया। दूसरे दिन जब नागिन किसान की पुत्री को डसने आई, तो कन्या ने डरकर नागिन के सामने दूध का कटोरा रख दिया और हाथ जोड़कर क्षमा मांगने लगी। मान्यता है कि उस दिन पंचमी तिथि थी। नागिन ने प्रसन्न होकर कन्या से वर मांगने को कहा। लड़की बोली मेरे माता-पिता व भाई जीवित हो जाएं और आज के दिन जो भी नाग-नागिन की पूजा करें उसे नाग कभी न डसे। नागिन तथास्तु कहकर वहां से चली गयी। उसी समय किसान का परिवार जीवित हो गया। उस दिन से नागपंचमी के दिन खेत में हल चलाना व साग काटना बंद कर दिया गया।
आप सभी को बता दें कि सावन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का पर्व आता है और इस दिन नागों की पूजा कर उनसे अपनी मनोकामना कही जाती है। कहा जाता है इस दिन नाग पूजा करने वाले जातकों को भूमि नहीं खोदनी चाहिए और इसी के साथ इस व्रत में चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करने के बाद पंचमी के दिन उपवास करने के बाद शाम को भोजन करना चाहिए।
रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ शेयर बाजार, इतने अंको का आया उछाल
गृहमंत्री अमित शाह ने किए मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन
आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने और समर्थन के लिए सरकार तैयार: निर्मला सीतारमण