प्रयागराज : कुंभ नगरी में रविवार को गंगा के तट पर करीब 1100 लोग अवधूत संन्यासी बनने की प्रक्रिया में शामिल हुए. अवधूत संन्यासी बनने के लिए गंगा के तट पर इनका मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार किया गया.
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ऐसी होती है प्रक्रिया
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जूना अखाड़े के महात्मा और दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष ने बताया कि संन्यासी बनने का आज प्रथम चरण है. जिसमें पहले इनका मुंडन कराया गया, फिर स्नान कराया गया और जनेऊ धारण कराया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि इसके बाद इन्हें दंड और कमंडल दिया गया जिसे लेकर ये पूरी रात बैठेंगे और हवन में शामिल होंगे. सबसे अधिक जूना अखाड़े में लोग संन्यासी बनते हैं.
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कई युवा भी हुए शामिल
जानकारी के लिए बता दें रविवार को शामिल हुए लोगों की संख्या करीब 1100 है. प्रवक्ता ने बताया कि 14 अखाड़ों में से जूना, आवाहन, अटल, महानिर्वाणी, निरंजनी समेत केवल छह अखाड़ों में संन्यास दिलाया जाता है. दूसरे अखाड़ों में संन्यास की प्रक्रिया चल रही है. पूरे कुंभ में केवल दो बार संन्यास दिलाया जाता है.संन्यास लेने वालों में गृहस्थ आश्रम छोड़कर आए लोगों के साथ ही कई युवा भी शामिल हैं.
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