नई दिल्ली: नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की जांच में 14 ग्रामीणों की जान जाने के उपरांत जब उनके शव ओटिंग गांव लौटे तो हर कोई चौक गया। इन शवों में एक शव 38 साल का होकुप का भी था, जिसका विवाह पिछले सोमवार को ओटिंग गांव में ही हुई थी। मौत के उपरांत होकुप को उसी परिसर में दफन कर दिया गया, जहां उसका विवाह हुआ था। गांव के रहने वाले टी नहवांग बताते हैं कि होकुप की शादी में पूरा गांव शामिल हुआ था। किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक सप्ताह बाद उसे यहीं पर दफन करना पड़ जाएगा।
गांव वालों का बोलना है कि इन मौतों के बदले गवर्नमेंट हमें मुआवजा देने में लगी हुई है। लेकिन उस पैसे से हमें न्याय नहीं मिलने वाला है। ग्रामीणों की मौत के बदले जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। वे बोलते हैं कि हम पुलिस, सेना या गांव को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे, लेकिन लापरवाही की सजा अधिकारियों को दी जानी चाहिए, यही हमारे साथ न्याय होगा।
शादी में शामिल दो जुड़वा भाईयों की भी हुई मौत: होकुप का विवाह में 2 जुड़वा भाई लैंगवांग और थापवांग भी शामिल हुए थे। 25 साल दोनों भाई के विवाह के उपरांत गांव से 6 किलोमीटर दूर कोयले की खदान में काम करने के लिए रवाना हो चुके है। एक स्थानीय नागरिक के अनुसार, यह खदान तकरीबन 15 सालों से काम कर रही है और ओटिंग गांव के लिए आय का मुख्य स्रोत भी यही खदान है। दोनों जुड़वा भाई बीते 3 वर्ष से इसी खदान में कार्य कर रहे थे। पूरे सप्ताह इस खदान में काम करने के उपरांत शनिवार की रात चर्च सेवा के लिए वे अन्य साथियों के साथ गांव वापस आ रहे थे। उनकी यही यात्रा अंतिम यात्रा साबित हुई और वे कभी घर वापस नहीं लौट पाए।
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