नागपंचमी के खास अवसर पर ही खुलता है मध्य प्रदेश का ये मंदिर

नागपंचमी के खास अवसर पर ही खुलता है मध्य प्रदेश का ये मंदिर
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दुनिया भर में प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर के शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार रात 12 बजे खुलते हैं. इसके दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आते हैं और नाग मंदिर के दरदशन करते हैं. ये मंदिर अगले दिन रात 12 बजे तक 24 घण्टे के लिए सतत खुले रहते हैं. इस दौरान काफी भीड़ भी रहती है. ऐसे में बता दें, आज सोमवार को नागपंचमी होने के चलते विशेष दिन माना जा रहा है. 

बता दें, महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के मंहत प्रकाश पुरी महाराज और उनके प्रतिनिधियों ने पट खुलने के बाद शेषनाग पर विराजित भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की पूजा की और करीब एक घंटे तक पूजा के बाद श्रृद्धालुओं के लिए मंदिर में दर्शन शुरू किए गए. गपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वर के दर्शनों को करने के लिए श्रृद्धालुओं को सालभर इंतजार करना पडता है.सिर्फ 24 घंटों के लिए ही इस मंदिर के द्वार खुलते हैं. इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है और इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर अपने को धन्य समझते हैं.

भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं द्वारा इसी आनंद-उमंग और पूर्ण आस्था के साथ मनाया जाता है. 11वीं शताब्दी के परमार कालीन इस मंदिर के शिखर के मध्य बने नागचंद्रेश्वर के मंदिर में शेष नाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की यह दुर्लभ प्रतिमा है. साल में केवल एक बार ही खुलने वाले इस मंदिर के दर्शन के लिए करीब पांच लाख श्रृद्धालु उज्जैन पंहुचंगे. मंदिर में सुरक्षा को देखते हुए बम स्क्वाड, सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर के अलावा 1500 पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अमले के आला अधिकारी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए है यह मंदिर काफी प्राचीन है. माना जाता है कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था. 

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