हिन्दू धर्म के अनुसार काले नाग को भगवान शिव का रूप माना जाता है. इसी कारण उसकी पूजा भी की जाती है. ऐसा ही एक नागपुर गांव में बना नाग देवता का मंदिर है जो आस्था का मंदिर है. बता दें कि यह मंदिर इंदौर से 25-किलोमीटर की दूरी पर है. इस मंदिर को लोग खास मानते हैं और काफी पूजते भी हैं. इस मंदिर से जुडी एक अनोखी कहानी है जिसके कारण ये मंदिर खूब चर्चा में है. आइये बता दें इसके बारे में.
दरसल, इस मंदिर के लिए लोगों का मानना है कि यहां एक महिला ने अपने गर्भ से नाग को जन्म दिया था. इसी के चलते यहां पर लोगों की इस मंदिर से विशेष आस्था जुड़ी हुई है. मंदिर को लेकर लोगों में कई तरह की आस्थाएं है. नागपंचमी के अवसर पर यहां लोगों की बड़ी भीड़ लगती है. यहां पर नाग देवता की 3 फुट ऊंची प्रतिमा बनी हुई है. इस प्रतिमा के पांच फन है. जिसकी नांग पंचमी के दिन विशेष पूजा की जाती है.
इसके अलावा लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर में कई बार दो मुंह के सांप को देखा जा चुका है. इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि बहुत साल पहले एक महिला ने दो मुंह के नाग को जन्म दिया था. महिला डर के मारे नाग को छोड़कर कहीं चली गई जिसके बाद वह नाग पाषण में बदल गया. उसी के बाद उस महिला ने कहा कि तालाब में पाषाण की एक मर्ति है जिसे निकाल कर एक मंदिर बनाया जाए. जिसके बाद यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया.
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