पेरिस: फ्रांस में नाहेल नामक 17 साल के लड़के की पुलिस की गोली लगने से मौत होने के बाद वहाँ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। घटना के कुछ दिन बाद एक मस्जिद में कार्यक्रम करके नाहेल के शव को कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। इस दौरान उसके परिवार वालों के अतिरिक्त इब्न बदीस मस्जिद में बड़ी तादाद में भीड़ खचाखच भरी रही। किसी ने यदि फोटो या वीडियो बनाने की कोशिश की, तो उसपर वहाँ मौजूद लोग बेहद खफा नज़र आए। मगर, इस घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें भीड़ को अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाती नज़र आ रही है।
???????? ALERTE INFO : La dépouille de #Nahel entre dans le corbillard sous les cris de "Allah Akbar" (...) pic.twitter.com/72zctdV36Q
— Valeurs Occidentales (@ValOccidentales) July 1, 2023
बता दें कि फ्रांस की स्थिति बीते मंगलवार से बिगड़ती जा रही हैं। दंगाई हर जगह हिंसा कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी इमारतों में आगजनी हो रही है। शोरूम में तोड़फोड़ और लूटपाट मचाई जा रही है। सरकार निरन्तर इन्हें रोकने के लिए कोशिश कर रही है। मगर, दंगाई अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। फ्रांच के होम मिनिस्टर गेराल्ड डार्मनिन ने बताया है कि उन्होंने स्थिति को संभालने के लिए 45000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। अब तक पूरे देश में 2000 दंगाई अरेस्ट किए जा चुके हैं। बाकी हालात पर काबू करने का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि दंगाइयों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यहूदियों के मेमोरियल पर अटैक कर दिया था। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान निर्वासित 200,000 लोगों के साथ ही उन फ्रांसीसी लोगों को समर्पित है जिन्होंने नाजियों के खिलाफ जंग लड़ी थी।
????????FRANCE: Holocaust memorial in Paris vandalized by rioters. ???? Anti-Semitism in France is extremely worrying and no wonder French Jews are leaving the country. And for those who are familiar with history, the Jews will be blamed in the end.#France #antisemitism #franceriots… pic.twitter.com/nQWGtu16jE
— Ayelet Azoury (@azoury_ayelet) July 1, 2023
बता दें कि मंगलवार को पुलिस की गोली से एक 17 साल के युवक की मौत होने के बाद से फ्रांस हिंसा की आग में जल रहा है। इस हिंसा का सर्वाधिक असर पेरिस, ल्योन और मार्सिले जैसे शहरों में देखने को मिल रहा है। पुलिस दंगाइयों को रोकने के लिए आँसू गैस का इस्तेमाल कर रही है। इन दंगों की वजह से एक तरफ जहाँ फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की जर्मनी में होने वाली राजकीय यात्रा पर असर पड़ा है। वहीं फ्रांस की चिंता यह भी है कि इस बार रग्बी विश्व कप और पेरिस ओलंपिक खेल की मेजबानी उनके कंधों पर है। यदि दंगाइयों का यही हाल रहता है तो प्रभावित जगहों और चीजों को किस तरह ठीक किया जाएगा।
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