देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले की जोशीमठ तहसील को अब उसके प्राचीन नाम ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा। इसी प्रकार नैनीताल जिले की कोश्याकुटौली तहसील का नाम परिवर्तित कर कैंचीधाम तहसील कर दिया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में इन दोनों तहसीलों के नाम परिवर्तित करने के सिलसिले में प्रस्ताव भेजे गए थे, जिन पर केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है।
जोशीमठ तहसील का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की क्षेत्रवासी लंबे वक़्त से मांग कर रहे थे। सीएम धामी ने बीते साल चमोली जिले के घाट में आयोजित कार्यक्रम में इस तहसील का नाम ज्योतिर्मठ करने का ऐलान किया था। मान्यता है कि जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य ने अमर कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त की थी। दिव्य ज्ञान ज्योति एवं ज्योतेश्वर महादेव के कारण इस जगह को ज्योतिर्मठ नाम दिया गया, जो बाद में जोशीमठ के नाम से प्रचलित हुआ। क्षेत्रवासियों ने जोशीमठ तहसील का नाम ज्योतिर्मठ करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। सीएम धामी ने गत वर्ष 15 जून को कैंचीधाम मंदिर के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कोश्याकुटोली तहसील का नामकरण कैंचीधाम के नाम पर करने का ऐलान किया था।
इस सिलसिले में भी प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के पश्चात् केंद्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। क्षेत्रवासियों के साथ ही बाबा नीब करौरी महाराज के भक्तों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए सीएम धामी के प्रति आभार जताया है। दुनियाभर से लाखों लोगों की बाबा नीब करौरी महाराज के प्रति गहरी आस्था है। प्रतिवर्ष बड़े आंकड़े में भक्त दर्शन के लिए कैंचीधाम पहुंचते हैं। भक्तों के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए सरकार कैंचीधाम में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इस धाम को मानसखंड मंदिरमाला मिशन में भी सम्मिलित किया गया है।
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