असम से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए लिए सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का पहला ड्राफ़्ट जारी किया है. इसमें 1.9 करोड़ को ही भारत का नागरिक बताया गया है.लेकिन पहले ड्राफ्ट में कई हैरान करने वाली बातें भी सामने आई हैं. जिसमें में लोकसभा सांसद के परिवार का नाम नहीं है वहीं प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई (ULFA-I)के उग्रवादी परेश बरुआ का नाम है.
बता दें कि असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम इस रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है. यह कदम असम में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए किया गया है.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट जारी किया गया. इस रजिस्टर में जिन आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उनकी अभी जांच चल रही हैं.
भारत के रजिस्ट्रार जनरल शैलेश के मुताबिक, 'यह ड्राफ्ट का पहला हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर मुहर लगाई गई है. बाकी बचे नामों की अलग-अलग स्तर पर जांच की जा रही हैं. जैसे ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, एक और ड्राफ्ट जारी किया जाएगा.वहीं गृह मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले मसौदे में जिन लोगों का नाम नहीं है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपना परिचय दस्तावेज साबित करने के लिए पर्याप्त मौके दिए जाएंगे.
एनआरसी का पहला ड्राफ्ट जारी होने के बाद असम में तनाव
सिर्फ कबूतर उड़ाने से शांति स्थापना नहीं होती - दलाई लामा