जयपुर: राजस्थान की सियासत में ‘लाल डायरी’ ने भारी घमासान मचा रखा है। इस मामले में कांग्रेस, गाँधी परिवार और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले सूबे के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अब एक और विस्फोटक खुलासा किया है। अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने बताया है कि लाल डायरी में सोनिया गाँधी के भाई का भी नाम है। ये ‘रहस्यमयी भाई’ होटल शिव विलास के मालिक के बेटे के कार्यक्रम में भी आए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि सीएम गहलोत से सोनिया गाँधी के भाई की मुलाकात का वक़्त तय कराने के लिए मुख्यमंत्री के OSD शशिकांत शर्मा से भी कहा गया था। गुढ़ा ने सवालिया लहजे में कहा कि ''सोनिया गाँधी की दो बहनें हैं, ये तो सबको पता है, किन्तु ये भाई बनकर कौन आ गया?'' गौरतलब है कि, लाल डायरी में कांग्रेस आलाकमान का नाम आने के बाद देशभर में सियासी पारा चढ़ गया है। 25 दिसंबर को मतदान से गुजरने वाले राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि इस लाल डायरी में अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने राजस्थान की जनता के सामने अपने चेहरे पर लोकप्रियता का मुखौटा चढ़ाकर कैसे-कैसे अनैतिक काम और भ्रष्टाचार किए हैं, ये सब कुछ इसमें दर्ज है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान में दलाल और अपराधियों के लिए जो-जो काम किए गए हैं, वो सब इसमें मौजूद हैं। गुढ़ा ने कहा कि अरबों रुपए के खनन मामले को अशोक गहलोत पहले तो बंद करवा देते हैं और फिर बोलते हैं कि NOC नहीं है। इसके बाद NOC दिलवाकर इसे फिर से चालु करवा देते हैं। वो विधायक उनके (गहलोत के) पास आ जाते हैं।
लाल डायरी का मतलब
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) November 15, 2023
- लाल डायरी का मतलब अशोक गहलोत के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा
- लाल डायरी का मतलब सत्ता के लिए ख़रीद-फ़रोख़्त की गई
- लाल डायरी का मतलब सत्ता ने सिंडिकेट की तरह काम किया
- लाल डायरी का मतलब क्रिकेट के चुनाव तक को नहीं बख्शा गया
- लाल डायरी मतलब दलालों ने… pic.twitter.com/UY8MyB2YWS
मौजूदा विधानसभा चुनाव में शिवसेना की टिकट पर दावेदारी भर रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आगे कहा कि राज्यसभा में वोट देने से पहले किसी को प्रताड़ित किया जाता है, तो वोट देने के बाद किसी को इनाम दिया जाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो चेहरे हैं। एक जनता के बीच दिखता है और एक भीतर काम करता है। उन्होंने दावा किया कि वे मुख्यमंत्री गहलोत का वास्तविक चेहरा जनता को दिखाना चाहते हैं। इससे पहले 14 नवंबर को राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के चार पन्ने रिलीज़ किए थे। इसके एक पन्ने में उन्होंने सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के एक फोन के बारे में बताया था। इस फोन कॉल में वैभव गहलोत ने कहा था कि 'पापा सरकार रिपीट नहीं कर पाएँगे, ये लिखकर दे देता हूँ।'
लाल डायरी के इस पन्ने पर लिखा है कि, 'वैभव गहलोत का फोन आया कि पापा इसलिए वापस सरकार नहीं बना पाते हैं, हर बार, इस बार भी (नहीं बना पाएंगे), मैं इसलिए लिख के दे सकता हूँ। सरकार बुरी तरह हारेगी। इसकी वजह वे खुद हैं। अधिकारियों से घिर जाते हैं। उन्हें राजनैतिक व्यक्ति काफी बुरा लगने लग जाता है। वैभव जी के कहने पर सवाईमाधोपुर में एक स्वीपर का भी तबादला नहीं किया गया।' पन्ने पर आगे लिखा होने का दावा करते हुए गुढ़ा ने कहा कि, 'जिला के अधिकारियों में मेरा बहुत गलत सन्देश गया है। दानिश के मुख्यमंत्री साहब के भारी खिलाफ होते हुए भी उसके कहने पर मेरा अपमान किया। तब मैंने वैभव जी द्वारा भेजे ह्वाट्सऐप मैसेज मुख्यमंत्री साहब के OSD शशिकांत को भेजकर कहा कि सीएम साहब को कहना वैभव जी बहुत नाराज हैं।'
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