मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की करारी हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पद छोड़ने की पेशकश की है। पटोले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफे की पेशकश करते हुए खुद को इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है। हालांकि, अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में पटोले ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की है, लेकिन खड़गे या लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी से उनकी सीधी बातचीत नहीं हो पाई है। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि पटोले ने कोई इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा चल रही है और जल्दबाजी में निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।
इस चुनाव में महायुति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 233 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि महाविकास अघाड़ी को केवल 49 सीटें मिलीं। महायुति ने 49.6% वोट शेयर हासिल किया, जबकि महाविकास अघाड़ी का वोट शेयर 35.3% रहा। कांग्रेस ने 103 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली। नाना पटोले खुद साकोली सीट से चुनाव लड़े और मात्र 208 वोटों के मामूली अंतर से जीत सके। उन्होंने बीजेपी के अविनाश ब्राह्मणकर को हराया, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रत्याशी ने भी काफी वोट हासिल किए। यह हार-जीत का अंतर 2019 के चुनाव की तुलना में बहुत कम था, जब पटोले ने करीब 8,000 वोटों से जीत दर्ज की थी।
चुनाव में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता हार गए। बालासाहेब थोरात संगमनेर सीट से 10,560 वोटों से हार गए, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण दक्षिण कराड़ सीट से चुनाव हार गए। विपक्ष ने इन नतीजों पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर ईवीएम में हेराफेरी का आरोप लगाया है। उद्धव ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं ने महायुति की जीत पर आश्चर्य जताया है, यह कहते हुए कि राज्य में किसी प्रमुख मुद्दे पर ध्यान न देने के बावजूद बीजेपी-एनडीए ने भारी जीत कैसे हासिल की।
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