नई दिल्ली : पिछले दो साल से लंबित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (नेशनल हेल्थ पॉलिसी ) को आखिर बुधवार को हुई मोदी कैनेटी से मंजूरी मिल ही गई. नई स्वास्थ्य नीति के कुछ बिंदुओं में में पीएम मोदी के निर्देश पर कुछ बदलाव किए गए हैं. इस नीति के जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है. इस नीति के तहत सरकार का लक्ष्य देश की बड़ी आबादी को सरकारी अस्पताल के जरिए मुफ्त इलाज की सुविधा देना है.
आपको बता दें कि इस नेशनल हेल्थ पॉलिसी के तहत हर किसी को इलाज की सुविधा मिलेगी. यानी पास में रुपए न होने पर भी किसी मरीज का इलाज करने से मना नहीं किया जा सकेगा. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और जांच की सुविधा होगी. इसके अलावा पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस बेस्ड मॉडल या प्रीपेड मॉडल के जरिए देश में सभी को सस्ती कीमत पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. राजस्व की प्राप्ति के लिए शिक्षा उप कर की तरह ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य उप कर लगाया जा सकता है. प्रीपेड हेल्थकेयर सर्विस की सुविधा भी इस नीति में शामिल की गई है.
ख़ास बात यह है कि इस नई स्वास्थ्य नीति में जिला अस्पताल और इससे ऊपर के अस्पतालों को पूरी तरह सरकारी नियंत्रण से अलग किया जाएगा. इस नई नीति में हर बीमारी को हटाने के लिए विशेष लक्ष्य रखा गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा आज सदन में औपचारिक रूप से इस नीति को देश के सामने रख सकते हैं.
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