नई दिल्ली: एक सच्चे नेता और राष्ट्राध्यक्ष की यही निशानी होती है कि, वो अपने देश और समाज के हर तबके की हर छोटी-बड़ी चीज़ों का ध्यान रखता है और उनसे लगातार संवाद बनाए रखता है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी यह खूबियां कई बार नज़र आती हैं, जब वे देशवासियों के साथ 'मन की बात' करते हैं, जब वे परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को तनाव कम करते हुए जीवन में आगे बढ़ने के टिप्स देते हुए 'परीक्षा पर चर्चा' करते हैं, जब वे 'किसान सम्मान निधि' के लाभार्थियों के साथ संवाद कर उनकी समस्या जानते हैं, और ऐसे ही कई तबकों तक पहुंचते हैं, तो लोग उनसे जुड़ते हैं ।
ये हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 वर्षों की अथक मेहनत और देश तथा देशवासियों के प्रति जीवन समर्पित कर देने का ही परिणाम है, जो आज वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय लीडर बन चुके हैं। अब पीएम मोदी का ऐसा ही एक पत्र सामने आया है, जो उन्होंने दूसरी कक्षा के एक बच्चे को लिखा है। दरअसल, 30 दिसंबर 2022 को पीएम मोदी की माता हीराबेन मोदी का 100 वर्ष की आयु में देहांत हो गया था। उस वक़्त भी पीएम मोदी ने कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश करते हुए अपनी माँ को मुखाग्नि देने के तुरंत बाद काम पर लौटते हुए बंगाल में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। किन्तु, वो कहते हैं न कि जब आप जनता से जुड़ने के लिए एक कदम बढ़ाते हैं, तो जनता भी आपको अपना मानने लगती है और आपके सुख-दुःख से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करती है। ऐसे ही एक दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे आरुष श्रीवत्स ने पीएम मोदी की माता के देहांत पर उन्हें शोक पत्र लिखा था।
आरुष ने अपने पत्र में लिखा था कि, 'प्रधानमंत्री जी नमस्कार, आज टीवी पर आपकी परमप्रिय माता के निधन का समाचार देखकर बेहद दुःख हुआ।' उस छोटे से बच्चे ने आगे लिखा कि, 'कृपया मेरी संवेदनाएँ स्वीकार करें, मैं प्रार्थना करता हूँ कि, ईश्वर आपकी माता की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे। प्रणाम।' एक दूसरी कक्षा के बच्चे का इतना भावुक पत्र, जिसकी उम्र लगभग 6-7 होगी। इसे पत्र को देखकर हर कोई द्रवित हो जाता, फिर प्रधानमंत्री कैसे बच्चे का दिल तोड़ सकते थे।
उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम में से वक़्त निकालकर अपने नन्हे मित्र को जवाब देते हुए पत्र लिखा। पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि, 'आरुष श्रीवत्स जी, मैं आपकी हार्दिक संवेदनाओं के प्रति आभार प्रकट करता हूँ, जो आपने मेरी माता के निधन पर व्यक्त की हैं।' पीएम मोदी ने लिखा कि, 'माँ का निधन होना अपूरणीय क्षति होती है और इसकी पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। अपने विचारों और प्राथनाओं में जगह देने के लिए मैं आपका आभारी हूँ, आपकी यही भावनाएं मुझे इस दुःख से उबरने की शक्ति और हिम्मत प्रदान करती हैं। मैं एक बार फिर आपकी संवेदनाओं के लिए आभार प्रकट करता हूँ।' पीएम मोदी द्वारा दूसरी कक्षा के एक बच्चे को लिखे गए इस पत्र में देशवासियों के प्रति उनकी आत्मीयता झलकती है, क्योंकि देशवासियों की छोटी-छोटी चीज़ों से जुड़कर ही कोई 'बड़ा' और 'महान' बनता है। वहीं, आरुष को जो जवाबी पत्र प्रधानमंत्री की तरफ से प्राप्त हुआ है, वो उस बच्चे को जरूर आत्मविश्वास प्रदान करेगा तथा आगे बढ़ने और मुश्किलों का सामना करने के लिए बल देगा।
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