हांगझोउ - अंतरराष्ट्रीय संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स को एक प्रभावशाली आवाज करार दिया. उन्होंने आज कहा कि यह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह वैश्विक एजेंडा को आकार दे.
गोवा में 15-16 अक्तूबर को होने वाले आठवें शिखर सम्मेलन से पहले यहां एक बैठक की अध्यक्षता कर ब्रिक्स नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा किब्रिक्स के रूप में हम अंतरराष्ट्रीय बातचीत या संवाद में एक प्रभावशाली आवाज हैं. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को आकार देना हमारी साझा जिम्मेदारी है.पीएम मोदी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को हमें साझा रूप से इस प्रकार से आकार देना चाहिए जिससे विकासशील राष्ट्रों को अपने उददेश्यों को हासिल करने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा, हमें दायित्वपूर्ण, समावेशी और सामूहिक समाधान का निर्माण करने का विषय चुना है.जी-20 शिखर सम्मेलन में यह केंद्रीय प्राथमिकताओं में होंगे.
इस बैठक में जिन चार अन्य नेताओं ने भाग लिया उनमें ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल तेमेर, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा दक्षिणी अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा शामिल हैं.
मोदी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि अगले महीने हमारा शिखर सम्मेलन आपसी संबंधों को गहराई देने का अवसर ही नहीं होगा बल्कि हम भारत के बिम्सटेक के पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार तथा थाइलैंड से भी बातचीत करेंगे, जिन्हें इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. हम अगले महीने गोवा में आप सभी का स्वागत करते हैं.
जी -20 समिट से पहले मोदी ने शी चिनपिंग से मुलाक़ात की और द्विपक्षीय सम्बन्धों पर चर्चा की.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने मीडिया को पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच हुई मुलाकात की भी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से मिल कहा कि भारत-चीन संबंध दक्षिण एशिया के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण हैं.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग से मुलाकात के बाद पीएम मोदी कई देशों के प्रमुखों से मिले. इस दौरान उन्होंने सभी से आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर बात की. मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल से मिल एनएसजी मुद्दे पर भारत का समर्थन करने के लिए धन्यवाद भी दिया.