नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों मुश्किलों में उलझे नज़र आ रहे हैं। हालांकि इससे उन पर इतना असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा लेकिन विरोधी उन पर दबाव बनाने में जुट गए हैं। दरअसल उन पर चुनावी आचार संहिता का शिकंजा कसने का प्रयास किया जा रहा है। जनता दल यूनाईटेड और कांग्रेस के ही साथ जनता परिवार महागठबंधन के अन्य दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध मन की बात कार्यक्रम का दुरूपयोग करने की बात कही है।
जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने एक तरह से इस कार्यक्रम में घोषणा की है कि अगले वर्ष 1 जनवरी से निचले पद की भर्तियों में साक्षात्कार की आवश्यकता नहीं होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि रोजगार के समले पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें जनजातीय व पिछड़े विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करेगी।
यह घोषणा भी आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन है। उनका कहना है कि जनता दल यूनाईटेड, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन द्वारा चुनाव आयोग से मन की बात को प्रतिबंधित करने की मांग भी की गई। आयोग द्वारा इसे खारिज कर दिया गया।
जेडीयू प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद केसी त्यागी के ही साथ कांग्रेस के राज्यसभा संासद आर पीएन सिंह के ही साथ राज्यसभा के मनोनीत सांसद के टी एस तुलसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में जिस तरह से बातें की गई हैं वे चुनावी आचरण संहिता का उल्लंघन है।