नई दिल्ली: राज्यसभा ने गुरुवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने वाले ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा में बुधवार को 128वें संविधान संशोधन विधेयक को दो-तिहाई बहुमत से मंजूरी मिल गई। राज्यसभा की मंजूरी के साथ, ऐतिहासिक विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला कोटा विधेयक के पारित होने की सराहना करते हुए इसे "हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण" बताया। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट करने वाले सभी राज्यसभा सदस्यों का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा कि, "संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं। यह केवल एक कानून नहीं है; यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे देश को बनाया है।'' पीएम मोदी ने कहा, भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है।
Had the honor of meeting our dynamic women MPs who are absolutely thrilled at the passage of the Nari Shakti Vandan Adhiniyam.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2023
It is gladdening to see the torchbearers of change come together to celebrate the very legislation they have championed.
With the passage of the Nari… pic.twitter.com/et8bukQ6Nj
राज्यसभा में बिल पारित होने के बाद महिला सांसदों के साथ तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, "यह देखकर खुशी हो रही है कि परिवर्तन के अग्रदूत उसी कानून का जश्न मनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं, जिसका उन्होंने समर्थन किया है।" उन्होंने कहा कि विधेयक के पारित होने के साथ, "भारत इस परिवर्तन के मूल में हमारी नारी शक्ति के साथ एक उज्जवल, अधिक समावेशी भविष्य के शिखर पर खड़ा है"।
बता दें कि, नए संसद भवन में पारित होने वाला यह पहला विधेयक है। संसद के दोनों सदन गुरुवार को स्थगित कर दिए गए, जिससे विशेष सत्र समाप्त हो गया।
क्या है नारी शक्ति वंदन अधिनियम:-
'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नामक विधेयक में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। कोटा राज्यसभा या राज्य विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।
पहली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़े प्रकाशित होने के बाद परिसीमन किए जाने के बाद सीटों का आरक्षण प्रभावी होगा।
महिला आरक्षण विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया, जिसमें 454 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और केवल दो (असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज़ जलील) ने इसका विरोध किया।
महिला आरक्षण बिल गुरुवार को राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया।
यह विधेयक, जो 27 वर्षों से लंबित था, संसद के एक विशेष सत्र के दौरान पारित किया गया।