भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर अनशन पर थीं लेकिन उन्हें अनशन स्थल से हटाकर चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया गया है। मेधा पाटकर मध्यप्रदेश में बांध प्रभावितों हेतु मुआवजे व पुनर्वास की मांग को लेकर अनशन कर रहीं थीं। अनशन के 12 वें दिन अनशन करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन स्थल से हटाकर अन्यत्र कर दिया।
इस मामले में जानकारी सामने आई है कि प्रदर्शनकारी डूब में आने वाले ग्रामीणों के हित में आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि बांध की ऊॅंचाई बढ़ाने से लगभग 192 गाॅंव प्रभावित होंगे। ऐसे में समूचा क्षेत्र डूब की जद में होगा। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पुनर्वास पूर्ण करने के बाद ही बांध की ऊॅंचाई बढ़ाने की बात कही थी। मगर पुनर्वास क्षेत्र को लेकर कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह रहने योग्य नहीं है।
ऐसे में कार्यकर्ता प्रदर्शन स्थल पर अनशन करते रहे। जब कार्यकर्ता यहाॅं से हट नहीं रहे थे तो उनके साथ बलप्रयोग किया गया। उन्हें लाठीचार्ज का सामना करना पड़ गया। लाठीचार्ज के दौरान आंदोलन की कार्यकर्ता हिमशी सिंह भी वहाॅं मौजूद थीं।
उन्होंने पुलिस कार्रवाई की विरोध किया और कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग किया। मेधा पाटकर ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार हमारे 12 दिनों से बैठे कार्यकर्ताओं को केवल गिरफ्तार कर जवाब दे रही है यह किसी अहिंसक आंदोलन का जवाब नहीं है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में जो हुआ उस पर जवाब नहीं, उन्होंने कहा कि हमसे संवाद नहीं हुआ। हमारे साथ बल प्रयोग किया गया।
दूसरी ओर इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विट किया और लिखा कि मैं संवेदनशील व्यक्ति हूॅं, चिकित्सक की सलाह पर मेधा पाटकर और उनके सहयोगियों को चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। उन्होंने लिखा कि मेधा पाटकर व उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन व शुगर के कारण चिंतनीय थी। उन्होंने मेधा पाटकर के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लिखा कि मेधा पाटकर को हाई कीटोन और शुगर की परेशानी थी ऐसे में उनके स्वास्थ्य को लेकर हम चिंतित थे। ऐसे में उन्हें अनशन स्थल से ले जाया गया।
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