वाशिंगटन: अपने घर के पीछे के बगीचे में बर्ड-फीडर (एक पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था) स्थापित करने के बाद, पूर्व-नासा और ऐप्पल इंजीनियर मार्क रोवर ने देखा - कि उन्हें एक समस्या था। दरअसल, गिलहरी उनके पक्षियों के लिए रखा हुआ भोजन चट कर जाती थी। इस समस्या से परेशान होकर मार्क ने गिलहरियों को खदेड़ने के लिए एक अनोखा तरीका खोजा ।
कई "गिलहरी प्रूफ" बर्ड फीडरों का परीक्षण करने, कुछ हास्यास्पद तरीके अपनाने के बाद भी जब मार्क विफल हुए तो उन्होंने गिलहरियों से अपने पक्षियों का दाना बचाने के लिए खुद इसके लिए जाल बिछाने की ठानी। और शायद कोरोना वायरस लॉकडाउन में उन्हें अपना समय गुजारने के लिए अच्छा काम भी मिल गया। इसके बाद मार्क रोवर ने अपने काम को एक युद्ध की तरह शुरू किया। उन्होंने टेबल, रस्सी पुल, गुलेल (catapults) आदि सब मिलकर माउस ट्रैप की तरह एक ट्रैप तैयार किया, जिसके आखिर में उन्होंने वॉलनट का एक बड़ा भंडार भी रखा।
रॉबर्ट को शुरू में इस बात की चिंता थी कि उनका यह डिजाइन बहुत ही भयानक था, और यह कि गिलहरी को अंतिम लक्ष्य (वॉलनट) तक पहुँचने में सफलता नहीं मिलेगी। लेकिन गिलहरी को देखने के कुछ दिनों के बाद, यह स्पष्ट था कि नासा के एक इंजीनियर का भी उनसे कोई मुकाबला नहीं था, गिलहरियां कहीं ज्यादा स्मार्ट निकलीं।
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