वाशिंगटन: यह बात तो हम सभी जानते है कि यूनिवर्स में कई चीजें ऐसी है जिनके बारें में कोई नहीं जनता है. वहीं हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में दावा किया है कि पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह 'बृहस्पति' के वातावरण में पानी मौजूद है लेकिन इसका वितरण पूरी तरह असमान है. नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार, बृहस्पति के वायुमंडल में लगभग 0.25 फीसद पानी है, विशेषकर भूमध्यरेखीय क्षेत्रों के आसपास इसकी अधिकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि बृहस्पति में पानी मिलने के बाद सौर मंडल के गठन की पहेलियों को सुलझाने में मदद मिल सकती है. जूनो मिशन के आंकड़ों पर आधारित खगोलविदों का यह अध्ययन विज्ञान 'नेचर एस्ट्रोनॉमी' में प्रकाशित हुआ है. इसमें नासा द्वारा 1995 में भेजे गए गैलीलियो मिशन के बाद पहली बार गैस की बहुलता वाले इस विशालकाय ग्रह (बृहस्पति) पर पानी की मौजूदगी के बारे में जानकारी दी गई है.
जूनो की यह खोज आश्चर्यजनक: मिली जानकारी के अनुसार जूनो के प्रमुख अन्वेषक स्कॉट बोल्टन ने नासा के एक लेख में कहा है कि जूनो की यह खोज आश्चर्यजनक है. हालाकि यहां बादलों के नीचे का वातावरण अभी भी एक पहेली बना हुआ है, जिसे हल करने के लिए खगोलविद प्रयासरत हैं. उन्होंने लेख में आगे लिखा है कि बृहस्पति में पानी के बारे में अभी तक किसी ने अनुमान भी नहीं लगाया होगा, लेकिन नए अध्ययन में इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि हमारे पड़ोसी ग्रह के कुछ क्षेत्रों में पानी की भरमार है.
धूल और गैसों से बना ग्रह: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जेपीएल के शोधकर्ताओं के मुताबिक, बृहस्पति सूर्य के मुकाबले बेहद सूखा हो सकता है. यह तुलना दोनों पर पानी के तत्वों (ऑक्सीजन व हाइड्रोजन) की मौजूदगी के आधार पर की जा रही है. शोधकर्ताओं का कहना है कि बृहस्पति संभवत: सबसे पहला ग्रह था और इसका अधिकतर हिस्सा धूल व गैसों से बना हुआ है, जो सूर्य में शामिल नहीं है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि बृहस्पति के निर्माण से जुड़ी मुख्य परिकल्पनाओं के मुताबिक, इस ग्रह का शेष हिस्सा उसके द्वारा सोखे गए पानी के कारण बना है. शोधकर्ताओं ने कहा, 'पानी की अत्यधिक मौजूदगी का संबंध इस विशालकाय गैस पिंड के मौसम और आंतरिक संरचना से जुड़ा हुआ है. वहीं बृहस्पति पर पानी के वितरण का आंकड़ा सूर्य से करीब तीन गुना अधिक है. इस ग्रह पर पानी की भरमार है, लेकिन इसका वितरण असमान है.
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