नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में हर किसी की राय बंटी नजर आ रही है। बहुत से संगठनों और राजनेताओं ने इस कानून की आलोचना की है। अभी हाल ही में ही एक कार्यक्रम के दौरान दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि राजनीतिक मामलों पर बोलने से कलाकार डरते हैं। मुंबई में हुए इस कार्यक्रम में नसीरुद्दीन शाह ने बॉलीवुड कलाकारों के राजनीतिक विचारों पर सक्रिय नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा, 'बॉलीवुड में बहुत कम अभिनेता हैं जो वास्तव में राजनीतिक मामलों पर बोलते हैं। लेकिन कुछ यहां बोलने से डरते भी हैं, क्योंकि वे कई चीजों के खोने से डरते हैं।
हालांकि, ऐसे कलाकार हैं जो वास्तव में अपनी आवाज उठा रहे हैं और मुझे लगता है कि बैकलैश का सामना करने का डर धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि एक अभिनेता के राजनीतिक दर्शन को उनके द्वारा चुनी गई फिल्मों से पहचाना जा सकता है। इस पहले कंगना रनौत ने प्रदर्शनकारियों पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था, 'हमें हमेशा शांति प्रदर्शन करना चाहिए। अपनी भड़ास निकालने के लिए बसों को, रेलों को और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बिल्कुल सही नहीं है। भारत की पूरी जनसंख्या में से सिर्फ तीन या चार प्रतिशत लोग टैक्स भरते हैं, बाकी सब उसी के सहारे पलते हैं। तो इसकी भरपाई कौन करेगा। भारत में भुखमरी फैली हुई है। ऐसे में इस तरह की हिंसा करना मूर्खों की निशानी है।'
इसके अलावा जावेद जाफरी का इस मामले पर वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो कह रहे थे- तुम हिंदू मुसलमानों को लड़ाने में लगे हो। ये खेल बंद करो। आगे बात करो क्या करना है। रोटी दो, कपड़ा दो, मकान दो, इसके बारे में बात करो। पहले कहते थे कांग्रेस भ्रष्टाचारी पार्टी है। चलो मान लिया। आप क्या कर रहे हैं? आपने कहा था हम स्कूल बनाएंगे, शिक्षा देंगे, बेरोजगारी कम करेंगे। वो बात नहीं करते आप। आप ये बोलते हैं मंदिर यही बनाएंगे और कुछ है नहीं क्या बनाने के लिए, मुल्क को बनाओ। ये जो नागरिकता संशोधन कानून है बहुत खतरनाक है।'
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