यरुशलम: महज 1 करोड़ की आबादी वाला यहूदी देश इजरायल वर्तमान में अपना अस्तित्व बचाने के लिए कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है, जिसमें लेबनानी आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह और ईरान प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस बीच, शुक्रवार का दिन हिज्बुल्लाह और ईरान के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इजरायली हमले में मारे गए हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को आज दफनाया जाएगा। इसी दिन, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई जुमे की नमाज का नेतृत्व करेंगे और देश को संबोधित करेंगे, जो नसरल्लाह की मौत के बाद उनका पहला सार्वजनिक संबोधन होगा।
खामेनेई तेहरान की इमाम खोमेनी ग्रांड मस्जिद में जुमे की नमाज का नेतृत्व करेंगे, और स्थानीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे नसरल्लाह के सम्मान में एक सभा का आयोजन भी होगा। नसरल्लाह को इजरायली हमले में मारे जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। यह माना जा रहा है कि उन्हें कर्बला में दफनाया जा सकता है। हालांकि, सुरक्षा कारणों से यह जनाजा सांकेतिक होगा और इसे पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। भविष्य में, स्थिति सामान्य होने पर उनके सम्मान में एक बड़ा धार्मिक आयोजन किया जाएगा।
हिज्बुल्लाह ने अभी तक नसरल्लाह के जनाजे को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। इराक के प्रधानमंत्री के सलाहकार मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने सोशल मीडिया पर बताया कि नसरल्लाह को कर्बला में इमाम हुसैन की कब्र के पास दफनाया जाएगा। हालांकि, कुछ अटकलें यह भी हैं कि उन्हें लेबनान, इराक के कर्बला या ईरान के नजफ में भी दफनाया जा सकता है।
कर्बला, जो इराक के दक्षिणी बगदाद में स्थित है, इमाम हुसैन की कब्र का स्थान है। नसरल्लाह की प्रतिष्ठा और उनके प्रभाव को देखते हुए, उन्हें कर्बला में दफनाने की खबर है। पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन को भी इसी पवित्र स्थल पर दफनाया गया था, और शिया मुस्लिम समुदाय के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। नसरल्लाह को आधुनिक समय का शहीद माना जा रहा है, और उनके बलिदान को फिलिस्तीन के लिए एक बड़ा कदम बताया जा रहा है।
नसरल्लाह की मौत जहरीले धुएं के कारण दम घुटने से हुई थी। वह बेरूत में हिज्बुल्लाह के एक सीक्रेट बंकर में छिपे हुए थे, जहां 27 सितंबर को इजरायली हमले में उनकी जान चली गई। इजरायली चैनल 12 की रिपोर्ट के अनुसार, नसरल्लाह का सीक्रेट बंकर इजरायली हमले के दौरान तबाह हो गया था। 64 वर्षीय नसरल्लाह की मौत भारी विस्फोटों से उत्पन्न जहरीले धुएं में दम घुटने से हुई थी।
इजरायल ने उस इमारत के आस-पास 80 से 85 बंकर बस्टर बम गिराए थे, जहां नसरल्लाह छिपे हुए थे। बंकर बस्टर बम स्टील और कंक्रीट की मोटी दीवारों को भेदकर 30 से 60 फीट की गहराई में भी हमला कर सकते हैं। उस स्थान पर बम गिरने से लगभग 30 फीट गहरा गड्ढा हो गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नसरल्लाह के शव पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले। हालांकि, हिज्बुल्लाह ने अब तक उनकी मौत के कारणों पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।
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