भारत की लोकसभा ने विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को मंजूरी देने के साथ ही 2020-21 के लिए संचित निधि से सरकार को राशि निकासी का अधिकार देने वाले विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी. इस विधेयक में सरकार को उसके कामकाज और कार्यक्रमों तथा योजनाओं को अमल में लाने के लिए देश की संचित निधि से 110 लाख करोड़ रुपये निकालने के लिए अधिकृत करने का प्रावधान है. इसके साथ 2020-21 के बजट को मंजूरी देने की दो-तिहाई प्रक्रिया पूरी हो गई है.
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इस मामले को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक फरवरी को पेश बजट पर लोकसभा और राज्यसभा ने मौजूदा सत्र के पहले चरण में चर्चा की. सत्र के दूसरे हिस्से में सोमवार को लोकसभा ने विनियोग विधेयक को पारित किया है. तीसरे चरण में वित्त विधेयक पर चर्चा की जाएगी और उसे मंजूरी दी जाएगी. वित्त विधेयक में कर प्रस्तावों का ब्योरा होता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लोकसभा में पारित विनियोग विधेयक में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 110.4 लाख करोड़ रुपये के व्यय के लिए सरकार को मंजूरी दी गई है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न मंत्रालयों के लिए अनुदान मांगों को मंजूरी देने के लिए सदन में 'गिलोटिन' का रास्ता अपनाया. दरअसल अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए संसद के पास समय नहीं होता है. ऐसे में कुछ ही मंत्रालयों के खर्च या अनुदान मांगों को ही पहले से निर्धारित समय पर चर्चा के लिए रखा जाता है. इसके पूरा होने के बाद अन्य मंत्रालयों की अनुदान मांगों को एक साथ रखकर इसे पारित कराया जाता है जिसे गिलोटिन कहते हैं.
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