बॉलीवुड जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। लोकप्रिय फिल्मनिर्माता कुमार साहनी का निधन हो गया है। 83 वर्ष के कुमार उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। 18 फरवरी को कुमार साहनी को पश्चिम बंगाल के ढकुरिया स्थित अस्पताल AMRI में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के अफसरों के अनुसार, पिछले दिनों में उनकी हालत ज्यादा खराब होने लगी थी। उन्हें लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, हाईपरटेंशन, सेप्सिस की परेशानी थी। उन्हें ICU में रखा गया था। उनकी हालत सुधरने की जगह बिगड़ती जा रही थी। फिर शनिवार रात लगभग 10।25 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
लोकप्रिय निर्देशक ऋतिक घटक के शिष्य रहे कुमार साहनी का जन्म 1940 में हुआ था। उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट (FTII) से फिल्म स्टडीज की थी। उन्हें मशहूर फ्रेंच डायरेक्टर रॉबर्ट ब्रेसन के अंडर इंटर्नशिप करने का अवसर प्राप्त हुआ था। अपने पूरे करियर में साहनी ने कई सफलताएं हासिल की थी। उन्हें 1972, 1990 एवं 1991 में बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड्स मिला था। वर्ल्ड ऑफ सिनेमा में अपने योगदान के लिए कुमार साहनी को 1990 में रॉटरडैम का इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल- FIPRESCI अवॉर्ड और 1998 में प्रिंस क्लॉज अवॉर्ड मिला था।
कुमार साहनी ने माया दर्पण, तरंग, कस्बा, ख्याल गाथा, चार अध्याय जैसी फिल्मों को निर्देशित किया था। उन्होंने कई शॉर्ट फिल्में भी बनाई थीं। 2004 के पश्चात् से उनका कोई प्रोजेक्ट नहीं देखने को मिला था। फिल्म माया दर्पण, तरंग एवं डॉक्यूमेंट्री Bhavantarana के लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीता था। साहनी की पहली फीचर फिल्म माया दर्पण थी। कुमार साहनी एक निर्देशक ही नहीं एजुकेटर और राइटर भी थे। प्रशंसक उनके निधन से गमगीन हैं। उनका जाना फिल्म जगत को बड़ा झटका दे गया है। फिल्मनिर्माता भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, मगर अपने काम के कारण वो हमेशा याद किए जाएंगे।
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