नई दिल्ली: नेशनल बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि भारतीय एथलीटों को अब उन बुनियादी सुविधाओं के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है जिन्हें उन्हें अपने खेल के दिनों में संघर्ष करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि मेरी सारी ज़िंदगी मैंने बुनियादी खेल सुविधाओं को पाने के लिए संघर्ष किया है, मुझे खुशी है कि आज की पीढ़ी को इसके लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा, आज खेल में भविष्य बहुत उज्जवल है.
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गोपीचंद ने आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में बुधवार को कहा कि राज्य की भविष्य की राजधानी अमरावती ओलंपिक की मेजबानी करने में सक्षम "विश्व स्तरीय स्पोर्ट सिटी" के रूप में विकसित की जाएगी. उन्होंने कहा हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे अच्छे और स्वस्थ जीवन की तरफ अग्रसर हो सकें, बच्चों को अनुशासन सीखने की जरूरत है और खेल इसके लिए मौलिक है.
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उन्होंने कहा कि यह जरुरी नहीं है कि हम चैम्पियनों का निर्माण करें लेकिन हमें एक ऐसा माहौल विकसित करना चाहिए जहां बच्चे- बूढ़े एक साथ खेल का आनंद ले सकें, याद रखें कि खेल एक राष्ट्र की खुशहाली सूचकांक को बढ़ाता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है.
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