मंगलवार को 'शाहीन बाग की दादी' के नाम से चर्चित हो चुकीं अस्मा खातून ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन सम्मान से जीने के लिए हैं, डर के साथ मरने के लिए नहीं. यह कानून देश में सिर्फ मुस्लिमों को नागरिकता से इन्कार करता है.
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इस कानून को लेकर राजभवन के सामने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्मा खातून ने कहा, 'हम मांओं ने विरोध या संघर्ष तब शुरू किया जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शनों को दबा दिया गया था. इसीलिए विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे जब तक कि सीएए को वापस नहीं ले लिया जाता.' 90 वर्षीय अस्मा तब सुर्खियों में आईं थीं जब उन्होंने 82 वर्षीय बिल्किस और 75 वर्षीय सरवरी के साथ शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि असम में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किसान नेता अखिल गोगोई ने मंगलवार को कहा कि वह एक मार्च से कानून के खिलाफ जेल में ही धरना देंगे. विशेष एनआइए अदालत ने मंगलवार को गोगोई की न्यायिक हिरासत की अवधि सात मार्च तक के लिए बढ़ा दी. अखिल गोगोई कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार हैं. संगठन के महासचिव धेरज्य कुंवर और संगठन की छात्र इकाई सत्र मुक्ति संग्राम समिति (एसएमएसएस) के अध्यक्ष बिट्टू सोनोवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि भी एनआइए अदालत ने सात मार्च तक के लिए बढ़ा दी है.
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