भाजपा ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के दिए आदेश, कई साहसिक और महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

भाजपा ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के दिए आदेश, कई साहसिक और महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश
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दिसंबर के पहले हफ्ते में केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद में पेश कर सकती है. सत्तारूढ़ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपने सभी लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को दिसंबर के पहले हफ्ते के दौरान दिल्ली में ही उपस्थित रहने और संसद के सभी सत्रों में भाग लेने को कहा है. सूत्रों ने कहा कि इस निर्णय के साथ ही अटकलों का दौर शुरू हो गया है.

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कयास लगाए जा रहे है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में बहु चर्चित सामान नागरिक संहिता विधेयक संसद में पेश कर सकती है. इसे नागरिकता संशोधन विधेयक भी कहा जाता है. केंद्र सरकार इसी साल पांच अगस्त को संसद के जरिये अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्किय और जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करने संबंधी साहसिक फैसला लेकर चौंका चुकी है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने शीतकालीन सत्र को देखते हुए सभी सांसदों को एक दिसंबर से अपने क्षेत्र के सभी प्रस्तावित कार्यक्रमों को रदृ अथवा स्थगित करने और दिल्ली में उपस्थित रहने को कहा है. सामान्य तौर पर सांसद सोमवार से शुक्रवार तक संसद सत्र में उपस्थित रहते हैं और हफ्ते के अंतिम दो दिन क्षेत्र में बिताते हैं.

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अपने बयान में शाह ने बुधवार को कहा था कि केंद्र सरकार नागरिक संहिता में संशोधन करेगी, ताकि पड़ोसी देशों में प्रताडि़त गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भी भारतीय नागरिकता मिल सके. हालांकि, राज्यसभा में राजग सदस्यों की संख्या कम है, लेकिन अनुच्छेद 370 और तत्काल तीन तलाक के मुद्दे पर वह बहुमत हासिल कर चुका है.

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प्रेट्र के अनुसार, जनसंख्या नियंत्रण के उपाय व वैदिक शिक्षा की अनिवार्य पढ़ाई समेत 28 प्राइवेट मेंबर बिल शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए. इन मुद्दों को लोकसभा सदस्यों ने उठाया है. अन्य विधेयकों में अफीम उत्पादकों के लिए कल्याणकारी उपाय, अशोभनीय विज्ञापनों पर रोक और चाय बागान श्रमिकों के बकाये का समय पर भुगतान शामिल है.

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