नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी पार्टियों के सांझी विरासत सम्मेलन को पराजित और डरे हुए लोगों का जमघट बताया है. संवाददाता सम्मेलन में प्रसाद ने केरल में माकपाइयों द्वारा आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या पर सवाल उठाए.
गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि केरल में माकपाइयों द्वारा आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर राहुल गांधी की चुप्पी के साथ ही उन कथित बुद्धिजीवियो के बारे में भी जानना चाहा जिन्होंने असहिष्णुता के नाम पर पुरस्कार वापस किए थे.कानून मंत्री ने कहा कि दरअसल यह लोग मोदीजी से डर गए हैं. यह उन लोगों का गठबंधन है जो अपने ऊपर भ्रष्टाचार के आरोपों से परेशान होकर कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. इस सांझी विरासत को उन्होंने इस गठबंधन की वास्तविक धुरी बताया.
बता दें कि कानून मंत्री ने राहुल गांधी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खौफ पैदा करके अलोकतांत्रिक तरीके से पार्टी चलाने का आरोप लगाया. हमेशा चुनाव हारने वाले राहुल कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. लेकिन उनके नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है . रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी की भी निंदा की जिसमे आरएसएस पर न्यायपालिका, मीडिया और विश्वविद्यालयों में अपने लोगों की नियुक्ति की बात कही थी. कानून मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र है. कांग्रेस उपाध्यक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह परेशानी में न्यायपालिका को भी विवादों में घसीट रहे हैं.
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