प्रति वर्ष देश में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिवस को 'शिक्षा दिवस' के रूप में मनाया जाता हैं. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था. मौलाना अबुल कलम आजाद ने शिक्षा और स्वतंत्रता की लड़ाई दोनों में ही अपना अमूल्य योगदान दिया.
मानव से मानव को, समाज से समाज को, एक पीढ़ी का निचली पीढ़ी से जुड़ने का नाम है शिक्षा. भारत में शिक्षा का इतिहास वर्षों पुराना हैं. भारत जितना शिक्षा के क्षेत्र में प्रवीण रहा है, उतना आज तक कोई देश नहीं रहा है, हालांकि आज हालात कुछ और बयां करते हैं. शिक्षा ने ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति को स्वयं में समेटा हैं. साथ ही शिक्षा कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्य विषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है.
आज हर कोई शिक्षा के पीछे भाग रहा है, जो कि अति आवश्यक हैं. एक सफल मानव के पीछे शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है. शिक्षा केवल आज किताब के पन्नो तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह मानव की सोच के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है.
कुछ विद्वानों के शिक्षा सम्बन्धी मुख्य विचार यहाँ प्रस्तुत किए जा रहे हैंः -
शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है. (महात्मा गांधी)
मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है. (स्वामी विवेकानन्द)
शिक्षा व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है. (जिद्दू कृष्णमूर्ति)
शिक्षा का अर्थ अन्तःशक्तियों का बाह्य जीवन से समन्वय स्थापित करना है. (हर्बट स्पैन्सर)
शिक्षा मानव की सम्पूर्ण शक्तियों का प्राकृतिक, प्रगतिशील और सामंजस्यपूर्ण विकास है. (पेस्तालॉजी)
शिक्षा बच्चे की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति का साधन है. ('सभी के लिए शिक्षा' पर विश्वव्यापी घोषणा, 1990).
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