नई दिल्ली. आज यानी 11 नवम्बर की तारीख को देश भर में नेशनल एजुकेशन डे यानी राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश भर के तक़रीबन सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य सभी शिक्षण संस्थानों में निबंध लेखन और क्विज प्रतिस्पर्धा जैसी कई प्रतिस्पर्धाएं आयोजित करवाई जाती है और पुरे उत्साह और हर्षोउल्लास के साथ इस पर्व को मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है कि इस पर्व को देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के सम्मान स्वरुप उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है. तो आइये आज इस पर्व पर हम आपको मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन से रूबरू करवाते है.
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अबुल कलाम आजाद का पूरा नाम मौलाना सैयद अबुल कलाम गुलाम आजाद है. वे एक महान स्वतंत्रता सैनानी होने के साथ-साथ भारत के पहले शिक्षा मंत्री भी थे. मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 को मेक्का में हुआ था. उनकी मौत 22 फरवरी 1958 को राजधानी दिल्ली में हुई थी. मौलाना अबुल कलाम ने देश की आजादी के अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और देश को आजादी मिलने के बाद उन्होंने देश में शिक्षा के लिए भी बहुत अमूल्य योगदान दिया है.
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मौलाना अबुल कलाम ने देश को आजादी मिलने के बाद भारत और पकिस्तान के विभाजन को लेकर बहुत विरोध जताया था. उन्होंने हिलाल नाम से पत्रिका भी चलाई थी जिसमे उन्होंने औपनिवेशिक शासन पर जमकर प्रहार किया था. इसके साथ ही उनके शिक्षामंत्री रहते है देश में खड़गपुर में देश की पहली आईआईटी की स्थापना की गई थी.
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