श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जब स्वाधीनता दिवस को लेकर आयोजित किए जाने वाले समारोह में तिरंगा लहरा रही थीं तो तिरंगा जमीन पर आ गिरा। इस स्थिति के बाद महबूबा मुफ्ती को कुछ समझ नहीं आया। आनन-फानन में उनके आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने ध्वज उठाया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जब तक तिरंगे को सलाम किया तब तक सुरक्षाकर्मी ध्वज को थामे रहे।
जब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पैरामिलिट्री और पुलिस दल का मुआयना करने गईं तब ध्वज को फहरा दिया गया। इस मामले में राज्य के डीजीपी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर इसके लिए कौन जवाबदार है उनके विरूद्ध कार्रवाई किए जाने की उन्होंने जानकारी दी। इस मामले में सुरक्षाकर्मी ने कहा कि संभवतः गलत रस्सी खींचने के कारण इस तरह की घटना हुई।
सुरक्षाकर्मी ने कहा कि तिरंगे को लेकर घाटी में संवेदनशीलता बरती जाती है। मगर यह घटना हो गई अब इस मामले में जांच की जा रही है। दूसरी ओर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विट करते हुए कहा कि श्रीनगर में तिरंगा फहराने के दौरान गड़बड़ी हुई। इसमें मुफ्ती किसी को जवाबदार ठहराऐंगी दरअसल इस मामले में किसी की गलती तो होती नहीं है।
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