कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भड़की हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले की जाँच करने का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को हिंसा के कारण लोगों के पलायन की जाँच को कहा है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई विभिन्न तरह की हिंसा की घटनाओं की जाँच के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कमिटी गठित की गई थी। इस चार सदस्यीय कमिटी ने शनिवार (मई 29, 2021) को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। शीर्ष अदालत की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा की अगुवाई वाले बुद्धिजीवियों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने तथ्यों को उजागर करने वाली रिपोर्ट ‘2021 में बंगाल में खेला’ नामक शीर्षक की अपनी रिपोर्ट को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को सौंपी थी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद भड़की हिंसा पर देश के 600 शिक्षाविदों ने पत्र लिखा था। शिक्षाविदों ने ममता बनर्जी सरकार को चेताते हुए कहा था कि सरकार राजनैतिक विद्रोहियों के खिलाफ हिंसा का माहौल बनाकर संवैधानिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ न करे। पत्र लिखने वालों में प्रोफेसर, वाइस चांसलर, डायरेक्टर, डीन और पूर्व वाइस चांसलर शामिल थे।
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