पूरा देश हैदराबाद में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद दोषियों को तुरंत फांसी देने की मांग कर रहा है. समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने तो यहां तक कह दिया कि जिन लोगों ने ऐसा किया, उनकी सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग करनी चाहिए. भारत लोकतांत्रिक देश है लेकिन कुछ देशों में ऐसे जघन्य अपराध के लिए रोंगटे खड़े करने वाली सजा है.
भारत : भारत ने यौन अपराध निरोधक कानून बनाकर इस समस्या के लिए सजा को और सख्त किया. दुष्कर्मी को 7 साल से 14 साल तक की कैद दी जाती है. दुर्लभतम मामले में मौत की सजा का प्रावधान है.
चीन : चीन में दुष्कर्मियों को सीधे मौत की सजा देने का कानून है. कुछ गंभीर दुष्कर्म के मामलों में दोषियों के जननांगों को काट दिया जाता है.
अफगानिस्तान : पीड़िता को चार दिन में न्याय दिलाने के लिए दोषी को फांसी पर लटका दिया जाता है.
ईरान : पश्चिमी देश ईरान में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दी जाती है. कभी-कभी दोषी पीड़िता की अनुमति से मृत्युदंड से बच जाते हैं, लेकिन उसकी आजीवन कारावास की सजा बरकरार रहती है.
उत्तर कोरिया : उत्तर कोरिया के बारे में तो सब जानते ही होंगे कि यह देश कितना सख्त है. यहां दुष्कर्म के लिए केवल मौत की सजा मुकर्रर है. यहां बलात्कारी के सिर में सरेआम गोलियां दागी जाती हैं.
सऊदी अरब : यहां शरई कानून को मान्यता दी गई है. सऊदी अरब में यदि कोई भी शख्स दुष्कर्म का दोषी पाया जाता है तो सरेआम उसका सिर चौराहे पर कलम कर दिया जाता है.
मलेशिया : मलेशिया में सबसे ज्यादा समय की सजा का प्रवाधान है. यहां बलात्कारी को न सिर्फ 30 वर्ष का कारावास बल्कि इसके साथ कोडे़ मारना भी सजा में शामिल है.
यूएई : संयुक्त अरब अमीरात में दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर बहुत तेजी से न्याय दिया जाता है. शख्स को सात दिनों के अंदर ही फांसी दे दी जाती है.
नीदरलैंड्स : किसी भी प्रकार का यौन उत्पीड़न यहां तक कि सहमति के बिना एक चुंबन भी नीदरलैंड्स में दुष्कर्म माना जाता है.
पाकिस्तान : यहां दुष्कर्म का दोषी पाए जाने वाले शख्स को आजीवन कारावास या फांसी की सजा का प्रावधान है. अमेरिका अमेरिका में दो प्रकार के कानून हैं, राज्य कानून और संघीय कानून. यदि दुष्कर्म का मामला संघीय कानून की श्रेणी में आता है, तो दोषी को जुर्माना या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. हालांकि दुष्कर्म की सजा के राज्य कानून अलग-अलग होते हैं.
मिस्र : यहां दुष्कर्मी को सार्वजनिक स्थानों पर फांसी दी जाती है ताकि लोग इस जघन्य अपराध के परिणाम से सबक सीख सकें और भविष्य में ऐसी गलती न करें.
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